इस समय पूरे देश की निगाहें उत्तराखंड के ज़मींदोज़ होते जोशीमठ पर है, लेकिन इससे महज़ 82 किलोमीटर दूर कर्णप्रयाग में भी स्थिति इतनी ही भयावह नज़र आ रही है
समय के साथ-साथ अब ये दरारें इतनी गहरी हो गई हैं कि कई घर रहने लायक नहीं बचे हैं. इस वजह से मकान मालिकों और किरायेदारों को घर छोड़कर जाना पड़ रहा है. जिनके पास रहने का का कोई दूसरा विकल्प नहीं है वो अपने खर्चे पर पार्षद के बनाए बसेरों में रहने को मजबूर हैं.
चमोली ज़िला प्रशासन की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, अभी तक जोशीमठ के 723 घरों में दरारें आई हैं, जिनमें से 86 को डेंजर ज़ोन (ख़तरा संभावित) क़रार दिया गया है. इसके अलावा 145 परिवारों के 499 लोगों को अस्थायी आश्रय स्थलों तक पहुंचाया गया है.
मुख्यमंत्री की सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने ये घोषणा की थी कि सरकार जोशीमठ के प्रभावित निवासियों को तुरंत डेढ़ लाख रुपये की सहायता देगी. इसमें से 50 हज़ार रुपये दूसरी जगहों पर शिफ़्ट होने और एक लाख रुपये मुआवज़े का एडवांस होगा.