Haryana News: पुलिस की साइबर अपराध इकाई ने सुशांत लोक दो में किराए के घर में चलाए जा रहे एक कथित फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है और तीन महिलाओं सहित 12 लोगों को गिरफ्तार किया है.
प्रत्येक व्यक्ति से ठगे जाते थे 300 से 500 डॉलर
पुलिस अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि इन लोगों पर विदेशी नागरिकों को अमेरिका की बड़ी आईटी कंपनियों की ओर से लैपटॉप और डेस्कटॉप से मालवेयर हटाने के बहाने वॉयसमेल और मैसेज का इस्तेमाल करके ठगने का आरोप है. पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने प्रत्येक पीड़ित से कथित तौर पर 300 से 500 डॉलर ठगे है. गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस दल ने कॉल सेंटर परिसर में छापेमारी की और जब वहां के कर्मचारी अपने काम से संबंधित कोई दस्तावेज या लाइसेंस नहीं दिखा सके तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
इस संबंध में भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी कानून की प्रासंगिक धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है. पुलिस जांच में सामने आया है कि पिछले छह से सेंटर चलाया जा रहा था. इसमें काम करने वाले कर्मचारियों को वेतन के अलावा 12 रुपये डॉलर कमीशन भी दिया जाता था. पुलिस ने मौके से संचालक विजय त्रिपाठी सहित जिन 12 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है उनकी पहचान कार्तिक, आतिफ,इस्माइल, अंबरीश,गुरुंग, एलेक्स चांग, नासिर, अब्दुल्ला, ललित शर्मा, मिरनाना पनमयी,मरसी सोलो और लुंगयली गोनमें के रुप में हुई सभी आरोपियों को आज अदालत में पेश किया जाएगा.
फर्जी कॉल सेंटर में और कौन-कौन शामिल था उसकी जानकारी जुटाई जा रही है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों से 12 लैपटॉप और मोबाइल फोन भी बरामद किए गए है. मुख्य आरोपी विजय त्रिपाठी उत्तरप्रदेश के मेरठ का रहने वाला है. जो पिछले कई सालों से गुरुग्राम में रह रहा था. पिछले कुछ सालों में 30 से ज्यादा फर्जी कॉल सेंटर पकड़ने का मामले सामने आ चुके है.