घमंड से अच्छे काम और रिश्ते बिगड़ जाते हैं:प्रजापति दक्ष के सम्मान में शिव जी नहीं उठे तो उसने शिव जी का अपमान कर दिया
जब किसी व्यक्ति के स्वभाव में घमंड आ जाता है तो उसके अच्छे काम भी बिगड़ जाते हैं। अहंकार की वजह से व्यक्ति को सही-गलत का ध्यान नहीं रहता है और वह कुछ ऐसा कर देता है, जिससे बने-बनाए काम भी असफल हो जाते हैं। इस बुराई को जल्दी से जल्दी छोड़ देना चाहिए। ये बात हम प्रजापति दक्ष की गलतियों से सीख सकते हैं।
प्रजापति दक्ष का सभी देवताओं और बड़े-बड़े ऋषि-मुनि भी सम्मान करते थे। एक दिन एक यज्ञ हो रहा था। यज्ञ में सभी देवी-देवता और ऋषि-मुनि बैठे हुए थे।
उस समय प्रजापति दक्ष यज्ञ स्थल पर पहुंचे तो वहां बैठे सभी लोग उनके सम्मान में खड़े हो गए, लेकिन शिव जी बैठे हुए थे। शिव जी दक्ष पुत्री सती के पति थे, इस रिश्ते से दक्ष शिव जी के ससुर थे।
दक्ष अहंकारी था। उसने सभी को अपने सम्मान में खड़े देखा तो वह बहुत खुश हुआ, लेकिन जैसे ही उसकी नजर शिव जी पर पड़ी तो वह क्रोधित हो गया। शिव जी आंखें बंद करके ध्यान में बैठे हुए थे।
दक्ष के सम्मान में शिव जी नहीं उठे तो दक्ष ने सोचा कि ये मेरे दामाद हैं, मेरी संतान की तरह हैं। इस रिश्ते से इन्हें मेरे सम्मान में उठना था। इतना सोचने के बाद अहंकार दक्ष ने शिव जी का अपमान करना शुरू कर दिया।
शिव जी शांत थे और दक्ष की बातें सुन रहे थे, लेकिन उस समय वहां मौजूद नंदीश्वर शिव जी का अपमान सहन नहीं कर पाए और उन्होंने दक्ष को शाप दे दिया। नंदीश्वर के शाप से भृगु ऋषि गुस्सा हो गए, उन्होंने नंदी को शाप दे दिया। कुछ ही देर में पूरा यज्ञ बिगड़ गया। सभी एक-दूसरे से झगड़ने लगे थे।
जीवन प्रबंधन
इस घटना से संदेश मिलता है कि घमंड को जल्दी से जल्दी छोड़ देना चाहिए। जो लोग घमंड करते हैं, उन्हें कहीं भी मान-सम्मान नहीं मिलता है। अहंकार की वजह से हमारे अन्य सभी गुणों का महत्व खत्म हो जाता है। इस बुराई को जल्दी से जल्दी छोड़ दें।