पुराने कैडर के शिक्षको ने प्रदेश के 52 जिला मुख्यालयों पर एक साथ सौंपे ज्ञापन
ओम धगाल - पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा युवा मोर्चा
ओम धगाल की और से हिंडोली विधानसभा क्षेत्र एवं बूंदी जिले वासियों को रौशनी के त्यौहार दीपावली की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं
भोपाल/ समग्र शिक्षक संघ के प्रदेश व्यापी आह्वान पर अपनी लंबित 7 सूत्रीय मांगों को लेकर आज प्रदेश के प्रत्येक जिला मुख्यालय पर प्रदेश के पुराने कैडर के शिक्षकों ने और मुख्यसचिव के नाम ज्ञापन सौपे, जिस में प्रस्तावित आंदोलन का जिक्र भी किया गया है |
समग्र शिक्षक संघ महिला, प्रदेश अध्यक्ष सुरेशचंद्र दुबे, प्रदेश महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष, प्रदेश महामंत्री जेपी शुक्ला, प्रदेश संरक्षक मुरारी लाल सोनी ने अपने संयुक्त बयान में बताया कि पुराने कैडर के शिक्षको को 40 साल की सेवा के बावजूद एक भी पदोन्नति नहीं मिली है, वेतन विसंगति के चलते अन्य राज्यों की तुलना में राज्य के शिक्षक आर्थिक नुकसान उठा रहे हैं, शिक्षकों को अर्जित अवकाश के नकदीकरण का लाभ नहीं मिल रहा है, दिवंगत शिक्षक के आश्रित परिजन आज भी अनुकंपा नियुक्ति के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है,वर्षो से अनेकों मांगे लंबित है, जिसमे मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा 23 दिसंबर 2017 को नसरुल्लागंज में की गई घोषणा भी शामिल है. मुख्यमंत्री जी ने अपनी घोषणा में कहा था कि पुराने संवर्ग के शिक्षकों प्राप्त वेतन और योग्यता अनुसार पदोन्नति दी जाएगी, लेकिन घोषणा को 5 साल हो गए अफसरों की मनमानी के चलते मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल आज तक नहीं हुआ|
*प्रदेश में पुराने कैडर की संख्या 82 हजार से अधिक*
संघ के प्रदेश महामंत्री संजय तिवारी के अनुसार मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग और जनजातीय विभाग दोनों को मिलाकर पुराने कैडर के शिक्षकों जिनमें सहायक शिक्षक से लेकर प्राचार्य शामिल है लगभग 82 हजार से अधिक है, पुराने कैडर के शिक्षक राज्य शासन की नीतियों से काफी खफा है|
शिक्षकों की लंबित मांगें
मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुरूप राज्य के सहायक शिक्षको, उ श्रे शिक्षको, प्रधानपाठको तथा व्याख्याताओं को प्राप्त वेतनमान के अनुरूप पदोन्नति / पदनाम का लाभ देने, तृतीय वेतनमान की विसंगति दूर करते हुए 30 वर्ष की सेवा पर सहायक शिक्षको को क्रमश: 4200 के स्थान पर 5400 तथा व्याख्याताओ को 6600 के स्थान पर 7600 का लाभ देने, अन्य विभागों के कर्मचारियों की भांति शिक्षकों को भी सेवाकाल में न्यूनतम 300 दिवस के अर्जित अवकाश के नकदीकरण का लाभ देने, केंद्र तथा अन्य राज्यों की भांति कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ देते हुए सातवें वेतनमान के अनुरूप बीमा कटौती और गृह भाड़ा का लाभ देने, पेंशनर्स समाज के हित में मध्यप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 अविलंब खत्मकर प्रदेश के सेवारत / सेवानिवृत्त शिक्षकों कर्मचारियों को बकाया डी.ए / डी.आर का भुगतान निर्धारित तिथि से किए जाने, सामान्य प्रशासन की गाइडलाइन के विपरीत वरिष्ठ शिक्षकों को अतिशेष मानने की नीति में संशोधन करने, प्रदेश के दिवंगत शिक्षकों के आश्रित परिजनों को बिना शर्त अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाए !