शोक सभा में राज आजमी के कृतियों पर प्रकाश डाल अर्पित किया गया श्रद्धा-सुमन*
गोरखपुर। उर्दू के प्रख्यात शायर वहाजुल हक 'राज आजमी' का 75 वर्ष की उम्र में जाफरा बाजार के कर्बला स्थित एडवोकेट मरहूम काजी जिल्लुर्रहमान के आवास पर निधन हो गया। उनके निधन की खबर मिलते ही अदब की दुनिया में रंजोगम का माहौल छा गया। राज आजमी के निधन की खबर पाकर प्रशंसकों, शायरों और कवियों का सुबह से ही पहुंचना जारी रहा। राज आजमी के जनाजे की नमाज बाद नमाज जोहर 1:30 बजे दोपहर में यतीम खाना वाली मस्जिद में अदा की गयी। तत्पश्चात राज आजमी को नरसिंहपुर स्थित कच्ची बगिया कब्रिस्तान में सुपुर्दे-खाक कर दिया गया। आजमगढ़ के साहित्यिक गुलशन में सन् 1944 ईस्वी में एक ऐसे ही बहुमुखी प्रतिभा के धनी शायर पत्रकार, अफसाना निगार, मृदुभाषी वहाजुल हक़ खान राज़ आज़मी का जन्म हुआ था। राज़ आज़मी की शायरी की शुरुआत उस समय हुई। जब हमारा देश गुलामी की जंजीरों को तोड़कर एक नए आसमान की तरफ परवाज़ कर रहा था। राज़ आज़मी की शायरी को शोहरत लगभग 1965 ईस्वी के आसपास प्राप्त हुई। रफ्ता-रफ्ता राज़ आज़मी की शायरी साहित्य की दुनिया में मशहूर हो गई।
मुशायरा में राज़ साहब को बुलाया जाने लगा। जब वह अपने मकसूस अंदाज़ में अपना शेर पढ़ते तो लोग उनके कलाम को सुनकर झूम उठते और वाह-वाह करते थे। राज़ आज़मी ने खुद अपने बारे में ये शेर कहा था कि -
'वफादारी बहर सूरत ना होगी रायेगां मेरी
सुकून दिल बनेगी एक दिन बेताबियां मेरी
करेगी क़द्र दुनिया राज़ रूदाद ए मुहब्बत की
सुनाई जाएगी जब बाद मेरे दास्तां मेरी,' अपनी दास्तां सुनाने वाले शायर राज़ आज़मी 27 नवंबर 2022 दिन रविवार की सुबह 6 बजे इस दुनिया - ए- फानी से कूचकर गए। उनके इंतकाल की खबर सुनते ही साहित्य की दुनिया शोक में डूब गई।
शायर राज आजमी के निधन पर शहर के शायरों, कवियों, समाजसेवियों एवं सहित्य प्रेमियों की शोक सभा वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी मुर्तजा हुसैन रहमानी की अध्यक्षता में हुई। शोक सभा में राज आजमी को श्रद्धा-सुमन अर्पित किया गया। साथ ही उनकी कृतियों पर प्रकाश डाला गया।
शोक सभा में डा.सुधारक पाण्डेय, मुहम्मद शमीम, मिस्बाहुर्रहमान, काजी अब्दुर्रहमान, हबीबुर्रहमान, महबुर्रहमान, डा. सफीउर्रहमान फर्रूख जमाल, शकील अहमद अंसारी, तौफीक अहमद, नय्यर अब्बासी, तालिब गोरखपुरी, कलीम कैसर, मुर्तजा हुसैन रहमानी, अरशद जमाल सामानी, बहार गोरखपुरी, डा. राशिद हुसैन, सुल्तान अहमद सुल्तान, सज्जाद अली रहमानी, वसीम मजहर, महमूद भाई, गोविवि के उर्दू विभागाध्यक्ष डा. रजीउर्रहमान, आसिम रउफ, इश्तियाक बब्लू, डा. सरवर हुसैन, फिरोज अहमद, सैयद रेहान, मुहम्मद आफाक, डा. आफताब आलम, डा. ताहिर अली सब्जपोश, सैयद तौहिद अली सब्जपोश,शफी अन्सारी, सैयद इरशाद अहमद, शकील शाही, अनीस अहमद एडवोकेट, सरवत जमाल एवं राज कुमार सिंह सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।