रोहा क्षेत्र के अंतर्गत दिघलदरी निवासी तथा रोहा बालिका हाईस्कूल के सह शिक्षक निर्मल चंद्र नाथ की मृत्यु होने से क्षेत्र में शोक की लहर व्याप्त होने के साथ ही सतीर्थ शिक्षक शिक्षयत्रीयों ने अश्रुपूरित नयनों से श्रद्धांजलि अर्पित की।
रोहा पुव दिघलदरी में जन्में तथा रोहा बालिका हाईस्कूल के सह शिक्षक निर्मल चंद्र नाथ की मृत्यु की। खबर प्राप्त होने के साथ साथ ही क्षेत्र में शोक की लहर व्याप्त होने के साथ ही विद्यालय और शिक्षक शिक्षयत्रीयों के बिच शोक की लहर छा गयी। दिवंगत शिक्षक रमेश चंद्र नाथ के बडे पुत्र निर्मल चंद्र नाथ ने प्राथमिक शिक्षा ९८नं दिघलदरी प्राथमिक विद्यालय और काकोतिगांव हाईस्कूल से मैट्रिक परिक्षा उतीर्ण हो नौगांव एडीपी महाविद्यालय से विएससी डिग्री ले बिना वेतन के प्रथम रोहा बालिका हाईस्कूल में सह शिक्षक के तौर पर कर्मजीवन की शुरूआत कर हाईस्कूल के एक कमरे में परिवार के साथ रहकर विद्यार्थियों को शिक्षा दान करते थे। शत स्वभाव, हंसमुख निर्मल नाथ संस्कृतिक अनुष्ठानों के साथ जौडे हुवे थे। एक तबला वादक के तौर पर प्रसिद्ध स्व नाथ गांव में अनुष्टित होने वाले थियेटर में अभिनय करने के साथ ही विशेषकर इतिहास मूलक नाटक रजार(रयेल)अभिनय करने के साथ ही असमीया भावना,अंकीया नाटक में मुख्य अभिनय कर दर्शकों की प्रशंसा प्राप्त करने में समक्ष हुवे।साथ ही स्व नाथ गरीब बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देतेथे।नौकरी सरकारी करण होने के पश्चात स्व नाथ विभाग से प्राप्त रूपयों से अपने पितृ गृह दिघलदरी मिलनपुर में एक सपने का घर निर्माण किये थे और एक महिने के पश्चात अपने नये सपने के घर में प्रवेश करने की तैयारी की जा रही थी परंतु नियती को कुछ और ही मंजूर था।हद्पिंड रोग से पीडित स्व नाथ पहले नौगांव और पश्चात गुवाहाटी में उन्नत चिकित्सा के लिए गये थे। परंतु गुवाहाटी में चिकित्सकों के चेष्टा के विपरीत चिकित्सालय में मृत्यु हो गयी। स्व नाथ का नश्वर शरीर गृह लाने के पस्चात विद्यालय के शिक्षक शिक्षयत्रीयों, विद्यार्थी और स्थानीय लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित कर अंतिम विदाई दी।५४वर्ष के उम्र में ईस संसार को छोड कर गये स्व नाथ अपने पिछे वृद्ध मातृ,पत्नी,दो बहन,एक भाई और एक पुत्र संतान सहित भरापुरा परिवार छोड गये है।