भोपाल. मध्यप्रदेश बाल आयोग ने निजी स्कूलों में बच्चों के साथ हुई घटनाओं को गंभीरता से लिया है। आयोग ने बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम 2005 के तहत एक गाइडलाइन बनाकर सभी जिला कलेक्टर्स और एसपी को भेजी है। आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान ने बताया कि गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित कर आयोग को 15 दिन में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। इसमें बाल सहायता और सुझाव समिति बनाकर अभिभावकों को भी शामिल करने को कहा गया है. इससे अभिभावकों के लिए कुछ टेंशन जरूर बढ़ा है क्योंकि इसकी बैठक में उन्हें शामिल होना पडेगा. हालांकि ये निर्णय बच्चों की सुरक्षा और उनके हित में लिया गया है.

यह है गाइडलाइन - स्कूल में प्री.प्राइमरी से लेकर प्राइमरी तक प्रार्थना के बाद और छुट्टी के पहले 10 मिनिट बच्चों को गुड टच और बेड टच समझाना होगा। - निजी विद्यालय अपने स्तर पर एक बाल सहायता और सुझाव समिति गठन करें। जिसमें प्रायमरी, मिडिल और हायर सेकण्डरी से दो महिला और एक पुरुष अभिभावक शामिल हों। साथ दो छात्रा और एक छात्र भी शामिल करें। शासन स्तर से क्षेत्रीय बीआरसी शिक्षा विभाग, बाल कल्याण पुलिस अधिकारी, पुलिस विभाग, सीडीपीओ महिला और बाल विकास विभाग भी सम्मिलित होंगे। - इस समिति को हर महीने विद्यालय स्तर पर बैठक करनी होगी। बैठक की रिपोर्ट को जिला शिक्षा अधिकारी और राज्य बाल अधिकार सरंक्षण आयोग को भेजें। समिति का समन्वय और बैठक रिपोर्ट कराने का काम बीआरसी शिक्षा विभाग करेंगे। - स्कूल की गाडिय़ों में महिला चालक को प्राथमिकता दी जाए। वाहनों पर हेल्पलाईन नम्बर और ऐप आदि को स्पष्ट शब्दों में अंकित करना होगा। - स्कूल में लगी शिकायत पेटी को मेन गेट के आसपास लगाना होगा। साथ ही बच्चों को उसके बारे में बताना भी जरूरी होगा। - उच्च न्यायालय की गाइडलाइन के अनुसार स्कूल की गाडिय़ों में सीसीटीवी कैमरे, जीपीएस ट्रेकर जो कि अपडेट हो और चालू अवस्था में होना सुनिश्चित करें। - सीसीटीवी कैमरे के डीवीआर का डाटा कम से कम 30 दिनों तक रखें। - स्कूल आवागमन के साधनों में महिला अटेंडर और संभव हो सके तो महिला शिक्षक भेजना सुनिश्चित करना करें। - स्कूल प्रबंधन से जुड़े सभी कर्मचारियों और स्कूल आवागमन के साधनों के वाहनों का स्टाफ का पुलिस वेरीफिकेशन कराना अनिवार्य हो और उनका रिकॉर्ड हर साल चेक किया जाए। - प्री.प्राइमरी में प्राथमिकता के साथ 75 प्रतिशत महिला स्टाफ, शैक्षणिक और प्रबंधन में रखना सुनिश्चित करें।