IPS संजय अरोड़ा ने मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जयपुर (राजस्थान) से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री की थी. IPS बनने के बाद उन्होंने तमिलनाडु पुलिस में विभिन्न पदों पर कार्य किया. वह स्पेशल टास्क फोर्स के पुलिस अधीक्षक (SP) रहे. जहां उन्होंने वीरप्पन गिरोह के खिलाफ महत्वपूर्ण सफलता हासिल की थी. वीरता और वीरतापूर्ण कार्रवाई के लिए उन्हें मुख्यमंत्री के वीरता पदक से सम्मानित किया गया था.1991 में संजय अरोड़ा ने NSG से ट्रेनिंग ली थी. इसके बाद उन्होंने तमिलनाडु मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात रहने वाले विशेष सुरक्षा समूह (SSG) के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. दरअसल उन दिनों लिट्टे की गतिविधियां चरम पर थीं. ऐसे में उन्होंने तमिलनाडु के विभिन्न जिलों में बतौर पुलिस अधीक्षक के रूप में भी जिम्मेदारी संभाली.
संजय अरोड़ा उन चुनिंदा आईपीएस में से हैं, जो अर्द्धसैनिक बल में डेप्युटेशन पर कमांडेंट के पद पर आए थे. IPS संजय अरोड़ा ने 1997 से 2002 तक कमांडेंट के रूप में प्रतिनियुक्ति पर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) में सेवाएं दी हैं. उन्होंने 1997 से 2000 तक उत्तराखंड के मतली में ITBP बटालियन की एक सीमा सुरक्षा की कमान संभाली थी. एक प्रशिक्षक के रूप में संजय अरोड़ा ने 2000 से 2002 तक ITBP अकादमी में उल्लेखनीय योगदान दिया. इसके साथ ही संजय मसूरी में कमांडेंट (लड़ाकू विंग) के रूप में सेवारत रहे थे.संजय अरोड़ा ने 2002 से 2004 तक कोयंबटूर सिटी के पुलिस कमिश्नर के रूप में भी कार्यभार संभाला था. इसके बाद उन्होंने पुलिस उप महानिरीक्षक, विल्लुपुरम रेंज के रूप में जिम्मा संभाला. संजय अरोड़ा ने IG (स्पेशल ऑपरेशंस) बीएसएफ, IG छत्तीसगढ़ सेक्टर सीआरपीएफ और IG ऑपरेशंस सीआरपीएफ के रूप में काम किया है.
संजय अरोड़ा को 2004 में सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक, 2014 में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक, पुलिस विशेष कर्तव्य पदक, आंतरिक सुरक्षा पदक और संयुक्त राष्ट्र शांति पदक सहित अन्य से पदकों से सम्मानित किया जा चुका है.वहीं, राकेश अस्थाना का आज एक साल का कार्यकाल खत्म हो रहा है, लिहाजा फेयरवेल परेड की तैयारी पूरी कर ली गई है. पुलिस लाइन में शाम 4 बजे फेयरवेल का कार्यक्रम होगा. दरअसल, जब भी दिल्ली पुलिस कमिश्नर रिटायर होते हैं, उन्हें बकायदा फेयरवेल परेड दी जाती है.