गुजरात दंगों पर गिरफ्तारी के बाद इस पर राजनीति शुरू हो गई है। सोमवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने आरोप लगाया कि न तो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और न ही उस पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता ने जकिया जाफरी की कानूनी लड़ाई में अपने समर्थन की घोषणा करने के लिए उनसे मुलाकात की। बता दें कि जकिया के पति एवं पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी गुजरात दंगों के दौरान मारे गए थे। वहीं कांग्रेस ने विजयन के इस आरोप को खारिज करते हुए उन पर इस मुद्दे को लेकर गलतबयानी का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि सोनिया गांधी 2002 के दंगों के तत्काल बाद जकिया से मिली थीं।

कहा-वोटर खोने के डर से नहीं मिली थीं
विजयन ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह दावा किया। उन्होंने आज से शुरू हुई विधानसभा की कार्यवाही को कांग्रेस नेता और वायनाड के सांसद राहुल गांधी के कार्यालय पर हमले को लेकर बाधित करने के लिए विपक्ष की आलोचना की। राहुल गांधी के कार्यालय पर पिछले सप्ताह कलपेट्टा में हमला किया गया था। गुजरात पुलिस की अपराध शाखा द्वारा पूर्व पुलिस महानिदेशक आर. बी. श्रीकुमार और सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड को गिरफ्तार किए जाने बारे में पूछे जाने पर विजयन ने आरोप लगाया कि गुजरात दंगों के बाद, जब सोनिया गांधी ने गुजरात का दौरा किया था, कांग्रेस के बुद्धिजीवियों ने उन्हें जकिया से नहीं मिलने की सलाह दी थी, क्योंकि ऐसा करने पर नरम हिंदू वोट खोने का डर था। विजयन ने आरोप लगाया कि गुजरात में पिछले चुनावों के दौरान, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एहसान जाफरी या गुलबर्ग सोसाइटी नरसंहार के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) पोलित ब्यूरो के सदस्य विजयन ने आरोप लगाया कि हालांकि, राहुल को पूरे गुजरात में ‘मंदिर जाने’’ का समय था।

विपक्ष के नेता का पलटवार
वहीं राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने विजयन पर पलटवार किया। उन्होंने जकिया के बेटे के हवाले से एक मीडिया खबर को उद्धृत किया। इसमें कहा गया था कि 2002 के दंगों के तुरंत बाद सोनिया गांधी गुजरात गई थीं और उन्होंने जकिया से मुलाकात की थी। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर साफ झूठ बोल रहे हैं। सतीशन ने यह भी कहा कि तीस्ता को 2002 में राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार और 2007 में संप्रग सरकार के दौरान पद्म श्री दिया गया था। उन्होंने कहा कि इसलिए मुख्यमंत्री को कांग्रेस को धर्मनिरपेक्षता की सीख देने की जरूरत नहीं है। बाद में मुख्यमंत्री ने एक ट्वीट किया कि तीस्ता सीतलवाड और आर बी श्रीकुमार की गिरफ्तारी की कड़ी शब्दों में निंदा करता हूं,जिन्होंने 2002 के गुजरात दंगे के पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के वास्ते अथक संघर्ष किया। भारत में धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतें संघ परिवार के इन दमनकारी कदमों के आगे सिर नहीं झुकाएंगी।