अडानी ग्रुप के अक्रामक निवेश ने उसके क्रेडिट मेट्रिक्स और नकदी प्रवाह पर दबाव डाला है। रिपोर्ट में चेताया गया है कि यह ग्रुप के लिए खराब स्थिति पैदा कर सकता है, जो संभवत: डिफॉल्‍ट भी हो सकता है।क्रेडिटसाइट की रिपोर्ट में कहा गया है‍ कि भारतीय अरबपति गौतम अडानी का पोर्ट-टू-पावर समूह गहराई से अधिक लाभ कमाता है, जो एक रिस्‍की कदम है। इसके अलावा, अधिक कर्ज भी अडानी समूह की बड़ी चिंता का विषय है। वहीं अडानी ग्रुप के आक्रमक तरीके से विस्‍तार, उसके क्रेडिट और कैश फ्लो दोनों को कम कर सकता है।

हालांकि इस रिपोर्ट के आने के बाद अडानी समूह के एक प्रतिनिधि ने रिपोर्ट पर टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया है। मंगलवार को कारोबार में सभी सात लिस्‍टेड अडानी फर्मों में 2% से 7% की गिरावट आई है।क्रेडिटसाइट्स की यह रिपोर्ट ऐसे समय पर आई है, जब अडानी समूह कई सेक्‍टरों में तेजी से आगे बढ़ रहा है। अडानी समूह वर्तमान में हवाई अड्डों, डेटा केंद्रों और सीमेंट के साथ-साथ हरित ऊर्जा को शामिल करने के लिए बंदरगाहों और कोयला खनन पर केंद्रित साम्राज्य का विस्तार कर रहा है। समूह ने हाल ही में अक्षय परियोजनाओं में 70 बिलियन डॉलर निवेश का वादा किया था।

इन कदमों ने न केवल भारत में अडानी के कद को बढ़ाया है, बल्कि इस साल उनकी कुल संपत्ति 135 बिलियन डॉलर से अधिक हो गई है। वह एशिया के सबसे अमीर आदमी, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के मुकेश अंबानी के रूप में प्रतिस्थापित व्यक्ति के प्रभुत्व वाले क्षेत्रों में भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

यह रिपोर्ट कई दोष रेखाओं पर प्रकाश डालते हुए बताती है कि अडानी की महत्वाकांक्षाओं और उनकी फर्मों के शेयरों में तेजी से बढ़ोतरी को बाधित हो सकती है। वहीं क्रेडिटसाइट्स के विश्लेषकों ने कहा कि अडानी बैंकों के साथ-साथ भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशासन के साथ समूह के मजबूत संबंधों से राहत भी पा रहे हैं।

रिपोर्ट की प्रमुख बातें

अडानी ग्रुप नए और असंबंधित व्यवसायों में अधिक अमाउंट के साथ एंट्री कर रहा है और वह इसके लिए अधिक जांच पड़ताल भी नहीं करता है।

बाजार में प्रभुत्व हासिल करने के लिए अडानी ग्रुप और अंबानी की रिलायंस के बीच संभावित मजबूत प्रतिस्पर्धा से "अविवेकपूर्ण वित्तीय निर्णय" हो सकते हैं।

रिपोर्ट में बताया गया है कि अडानी ग्रुप का बढ़ता कर्ज भी एक चिंता का विषय है, जिसे लेकर सतर्क रहने की आवश्‍यकता है।

अडानी समूह भी मध्यम स्तर के शासन और ईएसजी जोखिमों के संपर्क में है।

समूह के पास अपने प्रमुख, अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के माध्यम से "मजबूत और स्थिर कंपनियों को मंथन करने का एक मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड" है, और इसने भारतीय अर्थव्यवस्था के "स्वस्थ कामकाज से जुड़ी स्थिर बुनियादी ढांचा संपत्ति" का एक पोर्टफोलियो बनाया है।