सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport & Highways) द्वारा बीएस 6 (BS-VI) मानक वाले वाहनों (Vehicles) को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है.मंत्रालय के इस फैसले से लाखों वाहन चालकों को लाभ होगा. केवल दिल्‍ली में करीब चार लाख वाहन स्‍वामियों को फायदा होगा. साथ ही, प्रदूषण कम करने में भी मदद मिलेगी. मंत्रालय ने इससे संबंधित गजट जारी कर दिया है, यानी यह नियम बन गया है.

देश में बीएस 6 मानक वाले वाहनों की संख्‍या लाखों में है. अभी तक इन वाहनों में सीएनजी किट (CNG kit) लगाने का नियम नहीं था. कई कंपनियों के बीएस 6 वाहनों के मॉडल ऐसे हैं, जिनमें सीएनजी मॉडल नहीं आता है. लोग पसंद या मजबूरी में बीएस6 के इस तरह के मॉडल खरीद रहे थे और पेट्रोल से ही चला रहे थे. इससे जहां एक तरफ वाहन स्‍वामियों का बजट गड़बड़ा रहा था, वहीं, पर्यावरण के लिए ठीक नहीं था. क्‍योंकि पेट्रोल की तुलना में सीएनजी से कम प्रदूषण होता है.मंत्रालय ने दी राहत

मंत्रालय ने इससे संबंधित नोटिफिकेशन जनवरी में निकाला था, जिसमें सुझाव के लिए एक माह का समय दिया गया था. अब इसका गजट जारी कर दिया गया है. इस फैसले से लाखों वाहन चालकों को राहत मिलेगी. लेकिन सबसे अधिक फायदा दिल्‍ली एनसीआर के वाहन चालकों को होगा. क्‍योंकि सबसे अधिक सीएनजी वाहन यहीं चलते हैं. दिल्‍ली में BS-VI पेट्रोल वाहन करीब चार लाख वाहन होंगे, इतनी ही संख्‍या एनसीआर के चारों शहरों में होगी. इन वाहनों में अब सीएनजी लग सकेगी. अभी सरकार ने केवल BS-IV गाड़ियों में ही CNG और LPG किट की अनुमति दी थी. ट्रांसपोर्ट एक्‍सपर्ट अनिल छिकारा के अनुसार अब कंपनियों किट व अन्‍य पार्ट्स की अनुमति लेंगी, इसके बाद वाहन स्‍वामी वाहनों में रेट्रोफिटमेंट हो सकेगा.