रूस में पकड़े गए आईएसआई आतंकी (ISIS Terrorist) से पूछताछ के लिए भारत से इंटेलीजेंस एजेंसी की टीम जाएगी. सूत्रों के मुताबिक विदेश मंत्रालय और रॉ (RAW) के अधिकारी रूस के संपर्क में है.इंटेलीजेंस टीम आतंकी के असल मंसूबे और टारगेट का पता लगाने के लिए एक्टिव हो गई है. इससे पहले गिरफ्तार आतंकी ने पूछताछ में ये बताया था कि वो भारत में बीजेपी के बड़े नेता की हत्या करना चाहता था.

आतंकी ने ली थी आत्मघाती हमला करने की ट्रेनिंग

रूस ने पैगंबर मोहम्मद पर अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए भारत के किसी बड़े नेता पर आत्मघाती हमला करने की साजिश रचने के लिए इस्लामिक स्टेट (ISIS) के एक आतंकवादी को सोमवार को पकड़ा था. रूस की शीर्ष खुफिया एजेंसी ने बताया कि गिरफ्तार आतंकी एक मध्य एशियाई देश का रहने वाला है और उसने आत्मघाती हमला करने की ट्रेनिंग ली थी.

रूसी एजेंसी एफएसबी ने किया खुलासा

सरकारी समाचार एजेंसी 'तास' ने खबर दी है कि रूस की खुफिया एजेंसी 'संघीय सुरक्षा सेवा' (एफएसबी) के मुताबिक, प्रतिबंधित इस्लामिक स्टेट के एक सरगना ने इस साल अप्रैल से जून के बीच तुर्की में प्रवास के दौरान एक विदेशी नागरिक को आत्मघाती हमलावर के तौर पर संगठन में भर्ती किया था. एफएसबी ने कहा, 'संघीय सुरक्षा सेवा ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन 'इस्लामिक स्टेट' के सदस्य की रूस में पहचान की और उसे पकड़ लिया. हिरासत में लिया गया शख्स मध्य एशिया के एक देश का नागरिक है और उसने भारत के सत्तारूढ़ दल के शीर्ष नेतृत्व में शामिल एक सदस्य पर आत्मघाती हमला करने की योजना बनाई थी.

नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल ने की थी विवादित टिप्पणी

भारतीय जनता पार्टी (BJP) की तत्कालीन प्रवक्ता नुपुर शर्मा (Nupur Sharma) और पार्टी के दिल्ली ईकाई के मीडिया प्रकोष्ठ के तत्कालीन प्रमुख नवीन कुमार जिंदल (Naveen Kumar Jindal) ने पैगंबर को लेकर विवादित टिप्पणियां की थी, जिसके बाद मुस्लिम देशों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी. इसके बाद बीजेपी ने नुपुर शर्मा को निलंबित और नवीन जिंदल को निष्कासित कर दिया था.भारत में प्रतिबंधित हैं आईएसआईएस और उससे संबंधित संगठन

खूंखार आतंकवादी संगठन आईएसआईएस (ISIS) और इससे संबंधित सभी संगठनों को भारत में प्रतिबंधित किया गया है. वे इराक और सीरिया में कई हमले करने के लिए जिम्मेदार हैं. गृह मंत्रालय ने आतंकवादी समूह पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा है कि भारत के युवाओं की संगठन में भर्ती और उन्हें कट्टर बनाया जाना देश के लिए गंभीर चिंता का विषय है, खासकर जब ऐसे युवा भारत लौटते हैं तो राष्ट्रीय सुरक्षा पर इसके संभावित प्रभाव पड़ सकते हैं.