कोटड़िया-नाहटा ग्राउण्ड स्थित सुधर्मा प्रवचन वाटिका में श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ चातुर्मास कमेटी के तत्वाधान में संघ शास्ता वर्षावास 2025 का चातुर्मास खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्रीजिनमणिप्रभसूरीश्वर म.सा. की पावन निश्रा व बहिन म.सा. साध्वी डाॅ. विधुत्प्रभाश्री व श्रमण-श्रमणीवृन्द के पावन सानिध्य में पर्युषण पर्व के चैथे दिन शनिवार को आचार्यश्री ने प्रवचन माला में श्रावक-श्राविकाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि परमात्मा महावीर का जीवन एक विकास यात्रा है। प्रारंभ में वे भी हमारी तरह एक सामान्य पुरूष थे। उन्होंने कहा-कर्मों का भुगतान तो सभी को करना ही पडता है। वे चाहे तीर्थंकर हो, चाहे चक्रवर्ती! सभी को अपने अपने कर्मो का हिसाब किताब करना ही होता है। आचार्यश्री ने कहा कि कल्पसूत्र में सभी प्रश्नोे का समाधान है। किसी साधु को कैसे जीना है, यह देखना हो तो उसे कल्पसूत्र में लिखे महावीर के जीवन को पढना चाहिये। उन्होंने सारे कष्ट हंसते हंसते सहे, पर दोषी व्यक्ति के प्रति द्वेष नहीं आया। गृहस्थ जीवन की शांंित का संदेश देते हुए, परमात्मा महावीर ने अपने बडे भ्राता से दीक्षा की आज्ञा मांगी। यह घटना गृहस्थ जीवन जीने का तरीका बताती है। बडों का आदर करना सिखाती है। उन्होंने कहा-परमात्मा महावीर का जीवन श्रवण करना, अपने जीवन को पावन करना है। वे करूणा के साक्षात् अवतार हैं। उनके जीवन से ही हमें बोध होता है कि जीवन में जब प्रतिकुलता आती है, तब हमारा व्यवहार क्या होना चाहिये। उन्होंने कहा-इस जगत में कोई व्यक्ति दोषी नहीं है। जब कोई हमारा अपमान करता है, तो अपमान करने वाला दोषी नहीं है, वह तो निमित मात्र है। हकीकत में तो हमने खुद ही पूर्व भव में किसी का अपमान करके इस भव में उससे अपना अपमान करवाने का इन्तजाम किया था। आचार्य ने कहा पर्युषण पर्व हमें आत्मशुद्धि का अवसर देता है। इसलिए पर्यूषण पर्व में हम आत्मशुद्धि के प्रत्येक उपायों को अपनाएं। आचार्यश्री ने कहा कि अगर आत्मशुद्धि करनी है तो शरीर को तपाना पड़ेगा। अर्थात नियम, उपवास, तप करने होंगे। पर्यूषण पर्व आत्मा को पवित्र बनाने का अवसर है। कई ऐसे कार्य हैं जिनसे शरीर व आत्मा दोनों दूषित होती हैं। आचार्यश्री ने कहा कि गन्ने में जिस स्थान पर गांठ होती है वहां रस नहीं होता है। उसी प्रकार जब आपसी संबंधों में गांठ पड़ जाती है तो वहां आपसी संबंध भी नीरस हो जाते हैं। वहां आपसी प्रेम भाईचारा समझदारी सभी समाप्त हो जाता है। इसलिए जीवन में आपसी संबंधों में गांठ नहीं पड़ने दें। यदि कोई मनमुटाव है तो उसे चर्चा कर दूर करें। आचार्यश्री का कहना है कि जहां गांठ है वहां प्रेम नहीं है। इसलिए पर्यूषण पर्व में मन की जो गांठ है उसे खोलें तथा क्षमापना के गुण को अपनाएं।

 
               चातुर्मास कमेटी के उपाध्यक्ष ओमप्रकाश भंसाली व सचिव बाबुलाल बोथरा हेमरत्न व ने बताया कि शनिवार को प्रवचन का शुभारम्भ संगीतकार गौरव मालू द्वारा गुरूवंदन व मुनि श्रेयांशप्रभसागरजी म.सा. द्वारा प्रार्थना के साथ हुआ। बुधवार को तेले की तपस्या रामीदेवी जगदीशचन्द छाजेड़ रही। सिद्धि तप की तपस्या में आठवीं लड़ी का चोथा उपवास सम्पन्न हुआ। बदामीदेवी मदनलाल संखलेचा के 30 उपवास की तपस्या निरंतर है और बाड़मेर तपस्या का अदभुत वातावरण बना हुआ है, अमलनेर के किशोर कोठारी के 51 उपवास की तपस्या निरंतर है। चातुर्मास कमेटी के ट्रस्टी पुखराज भंसाली व मीडिया संयोजक कपिल मालू ने बताया कि संघशास्ता वर्षावास 2025 के अन्र्तगत सुधर्मा प्रवचन वाटिका में आज पयुर्षण महापर्व के चोथे दिन पौषध, प्रतिक्रमण, प्रवचन, प्रतिक्रमण, रात्रि भक्ति, परमात्मा की आंगी रचना, तपस्या एवं आराधना के साथ कई कार्यक्रम आयोजित हुए। शालीभद्र की पेटी का लाभ मदनलाल मोहनलाल छाजेड़ परिवार लुधियाना पंजाब द्वारा लिया गया। आराधना भवन मन्दिर के वार्षिक चढावे भी बोले गये। कल सोमवार को सुधर्मा प्रवचन वाटिका में दोपहर 01.00 बजे सामुहिक मेहन्दी व सांझी का कार्यक्रम होगा और 26 अगस्त को दोपहर 01.00 बजे 08 उपवास से उपर के तपस्वियों के संघ की ओर से चावलों से वधावणा का कार्यक्रम होगा। जहाज मन्दिर माण्डवला में मूूमलदेवी राणामल हीरालाल भंसाली परिवार द्वारा रतनमणि गौशाला में टीन शेड व नूतन धर्मशाला में एक कमरे का लाभ लिया गया। आज सपनों के चढावे बोले जायेंगे।

       पर्युषण पर्व के चोथे दिन परमात्मा भक्ति का हुआ आयोजन-संघ के ट्रस्टी मुकेश धारीवाल ने बताया कि पर्यूषण पर्व के चोथे दिन शनिवार को कोटड़िया-नाहटा ग्राउण्ड स्थित सुधर्मा प्रवचन वाटिका में रात्रि 08.00 बजे भव्य भक्ति संध्या का आयोजन किया, जिसमें मुम्बई से प्रीति प्रिया द्वारा भजनों की प्रस्तुतियां दी गई व बाॅलीवुड आर्टिस्ट एवं जादूगर रणजीत नायक द्वारा जादुगर दिखाया गया। जिसमें श्रद्धालु जमकर झूमे और आनन्द लिया।  भक्ति भावना में लक्की ड्राॅ निकाले गये और विजेताओं को पुरस्कार दिया गया।