कोटड़िया-नाहटा ग्राउण्ड स्थित सुधर्मा प्रवचन वाटिका में श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ चातुर्मास कमेटी के तत्वाधान में संघ शास्ता वर्षावास 2025 का चातुर्मास खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्रीजिनमणिप्रभसूरीश्वर म.सा. की पावन निश्रा व बहिन म.सा. साध्वी डाॅ. विधुत्प्रभाश्री व श्रमण-श्रमणीवृन्द के पावन सानिध्य में मंगलवार को आचार्यश्री ने श्रावक-श्राविकाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि पर्युषण महापर्व में सभी को धर्म आराधना में जुड़ना है और जिन वाणी सुनने का सुअवसर सभी को प्राप्त नही होता। पयुर्षण महापर्व में ये अवसर मिल रहा है। आने वाले आठ दिनों में अपने आपको भक्ति, आराधना, साधना, पूजा, अर्चना,तपस्या आदि जो सम्भव हो वो करें। भगवान महावीर के इस शासन में पयूषर्ण महापर्व दिया है वो अपने कर्मो की निर्जरा करने का ऐसा अवसर है कि स्वयं का निर्मल करना है। बाड़मेर के जैन समाज की जितनी तारीफ करू उतनी कम है वो आज भी परम्पराओं को निभा रहा है आठ-आठ दिन व्यवसाय बन्द करके अपने आप को धर्म आराधना में लगाकर स्वयं के पाप कर्मो निजरा करता है। उन्होंने जैन धर्म के प्रत्येक घर से एक व्यक्ति द्वारा आठों दिन उपवास का आवाहन किया। आचार्यश्री ने कहा कि महापर्व ऐसे ही नही जाना चाहिए परमात्मा की भक्ति,तपस्या में आठों दिन ऐसे होने चाहिए कि जीवन को एक नई दिशा मिल जाए। महापर्व से पहले शंका के समाधान करते हुए धर्म,समाज,साधना एवं तपस्या को लेकर लोगों के सवाल के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि समाज में लगातार बदलाव आ रहा है नियम बनते है कई बार टूटते है मगर इसका अर्थ ये नही होता की समाज में बिखराव है। कई बार समय का परिर्वतन बदलाव लाने का कार्य होता है। समाज में पदाधिकारियों को ये अवश्य सोचना चाहिए कि समाज ने उन्हे चुना है तो वो अपने कर्तव्य का पालन करें। गुरूदेव ने कहा कि पर्युषण पर्व में 08 दिन हरी सब्जी का त्याग करना है और स्वाध्याय करने को गया है।
चातुर्मास कमेटी के सचिव बाबुलाल बोथरा हेमरत्न व कोषाध्यक्ष बाबुलाल छाजेड कवास ने बताया कि रविवार को प्रवचन का शुभारम्भ संगीतकार गौरव मालू द्वारा गुरूवंदन व प्रार्थना के साथ हुआ। मंगलवार को तेले की तपस्या मंजूदेवी भूरचन्द गोलेच्छा व आयंबिल की तपस्या पुष्पादेवी रतनलाल भंसाली की रही। चातुर्मासिक प्रवचन माला में गुरूभक्त मंगलचन्द लोढा, नितेश कुम्भट सरवाड़, रिखबदास भंसाली, गौतमराज भंसाली, जसराज बोथरा चैन्नई, अशोक पानसेवल, मोकलसर, झालरापाटन, अजमेर, इन्दौर, नारायणपुर संघ सहित बाहरी राज्यों से गुरूदेव के दर्शन करने बाड़मेर पहुंचे, जिनका चातुर्मास कमेटी की ओर से बहुमान व स्वागत किया गया। सिद्धि तप की तपस्या में आठवीं लड़ी का हुआ शुभारम्भ। साक्षी मदनलाल छाजेड़ 33वां उपवास, किशोर कोठारी 43वां उपवास, भरत संखलेचा 22वां उपवास सम्पन्न हुआ, इन तीनों के तपस्वियों आगे निरंतर उपवास की भावना प्रबल है। केवनचन्द छाजेड़ ने भी अपना व्यक्तत्व दिया। चातुर्मास कमेटी के ट्रस्टी मुकेश धारीवाल व मीडिया संयोजक कपिल मालू ने बताया कि आज से प्रारम्भ पयुर्षण महापर्व- जैन समाज के सबसे बडा महापर्व पयुर्षण महापर्व का आगाज आज होगा। इस दौरान दैनिक प्रवचन, रात्रि भक्ति, परमात्मा की आंगी रचना, तपस्या एवं आराधना को लेकर अनेको आयोजन होंगे। मालू बताया कि दैनिक प्रवचन के साथ-साथ भगवान महावीर वाचन, रेवाडी, संवतसरी महापर्व आदि के भव्य आयोजन होंगे।
08 दिनों तक जप-तप एवं साधना की बहेगी धारा जीवन को नई दिशा देने का पर्व है पयुर्षण महापर्व-खरतरगच्छाधिपति तपस्या की लगी झडी़
