राज्य सरकार वंचित वर्गों के उत्थान के लिए लगातार कार्य कर रही है। खाद्य विभाग द्वारा चलाया जा रहा 'गिव अप अभियान' अब 30 जून 2025 तक चलेगा। खाद्य मंत्री के निर्देशानुसार इस अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम पंक्ति में खड़े पात्र लोगों तक पहुंचे।
खाद्य सुरक्षा नियमों के तहत आयकरदाता परिवार, सरकारी/अर्धसरकारी कर्मचारी, एक लाख से अधिक वार्षिक आय वाले परिवार और चार पहिया वाहन रखने वाले परिवार (जीविकोपार्जन में प्रयुक्त ट्रैक्टर को छोड़कर) खाद्य सुरक्षा योजना के लिए अपात्र हैं।
1 नवंबर 2024 से शुरू हुए 'गिव अप अभियान' के तहत बूंदी जिले में अब तक 31,936 लोगों ने स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ छोड़ा है। इसके अतिरिक्त, ईकेवाईसी नहीं करवाने वाले 27,646 अपात्र लोगों को भी योजना से हटा दिया गया है। जिले में 57,259 नए पात्र लाभार्थियों को जोड़ा गया है। जिला प्रशासन अब अपात्र होते हुए भी गेहूं ले रहे उपभोक्ताओं पर शिकंजा कस रहा है। ऐसे 275 अपात्र लोगों को वसूली नोटिस जारी किए गए हैं, जिनसे अब वसूली की कार्यवाही की जाएगी। खाद्य विभाग के प्रवर्तन अधिकारी और निरीक्षक अब प्रत्येक उचित मूल्य दुकान पर औचक निरीक्षण करेंगे और अपात्र लाभार्थियों को नोटिस जारी करेंगे। इसके साथ ही, परिवहन विभाग से चार पहिया वाहन स्वामियों का डाटा लेकर अपात्र लोगों की पहचान कर वसूली की कार्यवाही की जाएगी। इस अभियान से हटाए गए अपात्र लोगों के स्थान पर जरूरतमंद और पात्र व्यक्तियों को खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ मिल सकेगा। जिला रसद अधिकारी शिवजीराम जाट ने बताया कि जिले में खाद्य सुरक्षा योजना में राशन डीलरों सहित आमजन अपात्र होते हुए भी गेहूंं ले रहे हैं उन पर करवाई की जाएगी।