बाड़मेर, 16 मई। आमजन को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए महाराष्ट्र के सुबोध साइकिल पर बाड़मेर पहुंचे। वे पिछले डेढ़ साल में पांच राज्यों की यात्रा के साथ अब तक करीब 33 हजार किमी का सफर तय कर चुके हैं। सुबोध का सपना है कि भारत के सभी राज्यों और धार्मिक स्थलों की मिट्टी को माउंट एवरेस्ट की चोटी तक पहुंचाएं।

बाड़मेर पहुंचने पर सुबोध ने बताया कि वह प्रत्येक राज्य में पौधारोपण कर रहे हैं और लोगों को पर्यावरण संरक्षण, प्लास्टिक के उपयोग से बचाव और अधिकाधिक पौधे लगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। एक लाख पौधे लगाकर भारत को हरित बनाना उनका मिशन है। सुबोध भारत सरकार की फिट इंडिया मुवमेंट को भी बढ़ावा दे रहे हैं। वे साइकिल यात्रा के माध्यम से युवाओं को शारीरिक रूप से फिट रहने की प्रेरणा दे रहे हैं। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देखो अपना देश अभियान को समर्थन देते हुए देश की संस्कृति, धरोहर और पर्यटन स्थलों को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। उनका यह प्रयास भारतीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी एक महत्वपूर्ण पहल है। महाराष्ट्र के 26 वर्षीय सुबोध इससे पहले 365 दिनों में छत्रपति शिवाजी महाराज के 371 किलों की चढ़ाई कर चुके हैं और उनका दावा है कि ऐसा करने वाले वे भारत के पहले व्यक्ति हैं। इसके अलावा वे 19,000 किमी साइकिल चलाकर एक विश्व रिकॉर्ड भी बना चुके हैं। लद्दाख के -25 डिग्री तापमान वाले उमलिंग ला पास से 26 नवंबर 2023 को शुरू हुई उनकी साइकिल यात्रा अब राजस्थान की 40 डिग्री गर्मी में पहुंच चुकी है। अब तक वे हिमाचल, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान की यात्रा कर चुके हैं। रोजाना 110-120 किमी साइकिल चलाकर वे लगातार आगे बढ़ रहे हैं। बाड़मेर प्रवास के दौरान सुबोध ने विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत करते हुए आमजन को पर्यावरण संरक्षण, पौधारोपण और प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्रेरित किया। बाड़मेर जिला मुख्यालय पर ग्रीन मैन नरपतसिंह राजपुरोहित सहित कई गणमान्य नागरिकों ने उनका अभिनंदन किया।

*होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई, अब पर्यावरण संरक्षण का संदेश* सुबोध बेंगलुरु से होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई कर चुके हैं और पहले 5-सितारा होटलों में शेफ के रूप में कार्यरत थे। लेकिन चार साल पहले उन्होंने नौकरी छोड़कर माउंटेनियरिंग को अपना लक्ष्य बना लिया। अब तक वे 600 से ज्यादा पहाड़ी चोटियों की चढ़ाई कर चुके हैं और उनका लक्ष्य है कि भारत के 28 राज्यों की सबसे ऊंची चोटियों को फतह करें। वे 2027 तक भारत की पवित्र मिट्टी को माउंट एवरेस्ट की चोटी तक पहुंचाना चाहते हैं।

*शुद्ध हवा के लिए पौधे हैं जरूरी* सुबोध का मानना है कि भारत में वायु गुणवत्ता तेजी से गिर रही है, ऐसे में पौधारोपण ही एकमात्र उपाय है जिससे भविष्य की पीढ़ियों को शुद्ध हवा मिल सकती है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि हर व्यक्ति कम से कम एक पौधा जरूर लगाए और उसका संरक्षण करे। उनका जुनून, समर्पण और संकल्प आज के युवाओं के लिए प्रेरणा और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सशक्त संदेश भी है ।