शुद्धाद्वैत प्रथम पीठ श्री बड़े मथुराधीश मंदिर पाटनपोल पर 11 मई को भगवान नृसिंह प्राकट्य उत्सव के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। ट्रस्ट के महामंत्री मोनू व्यास ने बताया कि मंगला दर्शन के बाद प्रभु को चंदन, आंवला, फुलेल से अभ्यंग कराया जाएगा। वही संध्या आरती के बाद चौक में शीतल जल का छिड़काव किया जाएगा। राजभोग से संध्या आरती तक जल का थाल रखा जाएगा। जिसमें प्रभु जलविहार के लिए पधारेंगे। 

उन्होंने बताया कि नृसिंह भगवान का जन्म सूर्यास्त के पश्चात् एवं रात्रि के पूर्व हुआ था। अतः इस भाव से संध्या आरती दर्शन के बाद नरसिंह भगवान के जन्म के दर्शन होंगे। जन्म के दर्शन में प्रभु के सम्मुख शालिग्राम जी को पंचामृत स्नान कराया जाएगा।

उन्होंने बताया कि नरसिंह भगवान उग्र अवतार हैं। उनके क्रोध का शमन करने के भाव से शयन में शीतल सामग्री धराई जाएगी। 

प्रथम पीठ युवराज मिलन कुमार बाबा ने बताया कि पुष्टिमार्ग में चार ही अवतारों को मान्यता दी गई है। श्री राम, श्रीकृष्ण, नरसिंह भगवान और वामन अवतार, इन चार अवतारों को मुख्य माना गया है। यह चारों अवतार प्रभु ने निस्साधन भक्तों पर कृपा करने के उद्देश्य से लिए थे। उनकी लीला को पुष्टिलीला माना गया है।

*दर्शनों का समय* 

मंगला 6.30 बजे

राजभोग 11 बजे 

उत्थापन 4 बजे 

भोग आरती 5 बजे शालिगराम जी का पंचामृत स्नान एवं जन्म के दर्शन 6.30 बजे (सेवानुकूल समय में) 

(ग्वाल भोग के दर्शन नहीं होंगे)