जातिगत जनगणना के मुद्दे ने एक बार फिर देश की राजनीति को केंद्र में ला दिया है। कांग्रेस पार्टी ने इस कदम को अपनी वर्षों पुरानी नीति की जीत बताया है। पार्टी नेताओं का मानना है कि यह केवल आंकड़ों की नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय की दिशा में निर्णायक पहल है।
कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष जोगेन्द्र बीरवाल जोन्टी ने कहा कि, "जातिगत जनगणना कांग्रेस की नीति की जीत है। हमने वर्षों से इस मुद्दे को उठाया और आज जब देश इसे स्वीकार कर रहा है, तो यह हमारे संघर्ष की सफलता है।"
जोन्टी बीरवाल ने आगे कहा की "यह गिनती सिर्फ जातियों की नहीं, बल्कि हक की है। जब तक समाज के अंतिम व्यक्ति की पहचान नहीं होगी, तब तक उसे उसका अधिकार नहीं मिल सकता।
कांग्रेस का लक्ष्य है – हर वंचित को न्याय, हर गरीब को अधिकार।"
जोन्टी बीरवाल ने राहुल गांधी की पहल का समर्थन करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना को राष्ट्रीय मुद्दा बनाया और साहस के साथ इसे संसद से सड़क तक उठाया। "राहुल जी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी सच्चे अर्थों में सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष कर रही है।"
भाजपा ने जहां इसे "विभाजनकारी राजनीति" कहा है, वहीं कांग्रेस का कहना है कि यह "समावेशी विकास" का आधार है। पार्टी का नारा – "जितनी आबादी, उतना हक़" – अब देशभर में गूंज रहा है।