श्री हरी शंकर आईपीएस. पुलिस अधीक्षक जिला बालोतरा ने बताया कि जिले में अवैध शराब तस्करी की रोकथाम एवं शराब तस्करों के विरूद्ध प्रभावी कानूनी कार्यवाही हेतु चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत जारी दिशा-निर्देशानुसार श्री गोपालसिंह भाटी आरपीएस, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बालोतरा एवं श्री सुशील मान पुलिस उप अधीक्षक वृत बालोतरा के सुपरवीजन में श्री उमेश विश्नोई उनि. थाना प्रभारी बालोतरा के नेतृत्व में पुलिस टीम द्वारा एम्बुलेंस की आड़ में अवैध शराब की तस्करी का भण्डाफोड़ करते हुए प्राईवेट एम्बुलेंस (ईको गाड़ी) सहित अवैध अंग्रेजी शराब व बीयर के 16 कार्टून को जब्त करने में सफलता प्राप्त की है।
कार्यवाही पुलिसः- ज्ञात रहे कि दिनांक 03.04.2025 की रात्रि में दौराने गस्त डीसीआरबी बालोतरा से प्राप्त सूचना अनुसार बालोतरा-पचपदरा रोड़ पर नाकाबंदी शुरू की गई। दौराने नाकाबंदी ईको एम्बुलेंस वाहन पुलिस नाकाबंदी को देखकर सड़क पर एम्बुलेंस खड़ी कर अंधेरे का फायदा उठाकर तीन तस्कर मौके से फरार हो गये। एम्बुलेंस से विभिन्न ब्राॅण्ड की अंग्रेजी शराब व बीयर के 16 काॅर्टून बरामद कर वाहन ईको एम्बुलेंस को जब्त किया गया। उपरोक्त कार्यवाही पर प्रकरण अन्तर्गत धारा 19/54, 54ए राजस्थान आबकारी अधिनियम, 1950 के तहत पंजीबद्ध किया गया। अज्ञात मुलजिमान की तलाश पतारसी जारी है।
तरीका वारदातः- बालोतरा पुलिस ने शराब तस्करी के एक और नए चैंकाने वाले तरीके का पर्दाफाश किया है। यह तरीका न केवल नया था बल्कि बेहद चतुराई से भरा हुआ था, जिससे तस्करों ने कानून को धोखा देने की पूरी कोशिश की। पुलिस ने जब एक प्राइवेट एम्बुलेंस को पकड़ा तो उसमें से शराब तस्करी का एक जाल सामने आया। एम्बुलेंस के अंदर अवैध अंग्रेजी शराब और बीयर के कार्टून छिपाकर तस्करी की जा रही थी। तस्करों द्वारा इस एम्बुलेंस को एक बेहतरीन तरीके से तस्करी के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। किसी को भी शक न हो, इसके लिए तस्करों ने वाहन ईको को पूरी तरह से एक साधारण एम्बुलेंस की तरह तैयार करवाया था। अवैध शराब तस्करी राजस्थान से गुजरात करने के लिए गुजराती भाषा प्राईवेट आस्था अस्पताल का लोगो लगवाया गया। एवं एम्बुलेंस में तस्करी के समय दो आगे व एक पीछे लेटाकर मरीज का देकर सुला देते थे। तस्करों ने उसके ओढ़ने के लिए चादर भी दी हुई थी, ताकि वह बिल्कुल मरीज जैसा लगे और किसी को संदेह न हो। लेकिन यह सब कुछ केवल एक ढोंग था। आमतौर पर पुलिस द्वारा मरीज की परिस्थतियों के मध्यनजर एम्बुलेंस को गहनता से चैक नहीं किया जाता था। जिसका पूरा फायदा उठाते हुए शराब तस्कर ड्रामे के साथ तस्करी करते थे। तस्करों ने एम्बुलेंस में सायरन और गाड़ी के ऊपर बत्ती की व्यवस्था भी कर रखी थी, ताकि जब भी वह पुलिस चेकिंग प्वाइंट पर आते, तो कोई उन्हें रोक न सके। सायरन बजाते हुए और बत्तियां जलाते हुए तस्कर बिना किसी रुकावट के चेकिंग प्वाइंट से गुजर जाते थे। यह तरीका खासतौर पर भीड़-भाड़ वाले इलाकों में काम आता था, क्योंकि कोई भी व्यक्ति उसे साधारण एम्बुलेंस समझकर कोई सवाल नहीं उठाता था। यह तस्करी का नया तरीका जिसमें तस्करों ने हर संभव कोशिश की थी कि किसी को भी शक न हो। लेकिन डीसीआरबी बालोतरा तथा पुलिस टीम की सतर्कता व सक्रियता ने इस धोखे को उजागर कर दिया। पुलिस की मेहनत और तत्परता से यह तस्करी का जाल टूट गया और तस्करों के मंसूबे ध्वस्त हो गए। इस मामले में शराब तस्करी में शामिल मुख्य आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है और अब पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। तस्करी के इस तरीके ने यह सिद्ध कर दिया कि अपराधी कभी भी नए-नए तरीके खोजने की कोशिश करते हैं, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी और जागरूकता के कारण वे कभी सफल नहीं हो पाते।
पुलिस टीमः-
01. श्री दिनेश डांगी निपु. थानाधिकारी सिवाना,
02. श्री राकेश कुमार सउनि. थाना बालोतरा,
03. श्री गोमाराम हैकानि. साईबर सैल बालोतरा, (विशेष भूमिका)
04. श्री मोहनलाल कानि. डीसीआरबी बालोतरा,
05. श्री उदयसिंह कानि. 1002 डीएसटी बालोतरा,
06. श्री नगाराम कानि. 59 डीएसटी बालोतरा,
07. श्री भारूराम कानि. 1291 डीएसटी बालोतरा,
08. श्री रामलाल कानि. 396 थाना सिवाना,
09. श्री सुखदेव कानि. 339 डीएसटी बालोतरा,
10. श्री बुधाराम कानि. 1526 डीएसटी बालोतरा।