एक छोटे से गाँव में एक लड़का रहता था – अर्जुन। वह दुबला-पतला था और गाँव के अन्य लड़कों की तुलना में कमजोर दिखता था। लोग उसका मजाक उड़ाते और कहते, "तू तो हवा के झोंके से भी गिर जाएगा!" लेकिन अर्जुन के मन में एक सवाल हमेशा घूमता रहता था – "आखिर इंसान को ताकतवर क्या बनाता है?"
पहला सबक: शरीर की ताकत
अर्जुन ने सोचा कि ताकतवर बनने के लिए शरीर का मजबूत होना जरूरी है। उसने रोज़ सुबह उठकर कसरत करनी शुरू कर दी, दौड़ लगाई, व्यायाम किया, और पौष्टिक खाना खाने लगा। कुछ महीनों बाद उसका शरीर पहले से ज्यादा मजबूत हो गया। लेकिन फिर भी वह अपने भीतर अधूरापन महसूस करता था।
दूसरा सबक: दिमाग की ताकत
एक दिन उसने देखा कि गाँव के बुद्धिमान पंडितजी सबका सम्मान पाते हैं, जबकि वे शारीरिक रूप से उतने बलशाली नहीं थे। अर्जुन को अहसास हुआ कि ताकत केवल शरीर में नहीं, बल्कि दिमाग में भी होती है। उसने किताबें पढ़नी शुरू कीं, नए विषय सीखे, और समस्याओं को हल करने की कला सीखी। अब लोग उसकी बुद्धिमत्ता की सराहना करने लगे। लेकिन अर्जुन को अब भी ऐसा लगता था कि कुछ कमी रह गई है।
तीसरा सबक: आत्मा की ताकत
एक दिन, गाँव के बुजुर्ग संत अर्जुन के पास आए और बोले, "बेटा, असली ताकत सिर्फ शरीर और दिमाग में नहीं, बल्कि आत्मा में भी होती है।"
अर्जुन ने पूछा, "आत्मा की ताकत क्या होती है?"
संत मुस्कुराए और बोले, "सच्चाई पर डटे रहना, बुरे समय में भी हिम्मत न हारना, और दूसरों की मदद करना ही असली ताकत है। जो अपने डर पर काबू पा लेता है, वही सबसे ताकतवर इंसान बनता है।"
अर्जुन की असली ताकत
अब अर्जुन ने अपने शरीर को मजबूत बना लिया था, दिमाग से तेज हो गया था, और आत्मा की शक्ति भी समझ चुका था। जब गाँव में एक दिन बाढ़ आई, तो उसने निडर होकर कई लोगों की मदद की। वह न सिर्फ बलवान था, बल्कि बुद्धिमान और दयालु भी था। गाँव के लोग अब उसकी इज्जत करने लगे, और उसे सच में एक "ताकतवर इंसान" मानने लगे।
सीख:
इंसान को ताकतवर बनाने के लिए शरीर, दिमाग और आत्मा – तीनों का मजबूत होना जरूरी है। अगर इंसान मेहनती है, सही सोच रखता है और निडर होकर सही काम करता है, तो वह
सबसे ताकतवर बन सकता है।