शहर के खोजा गेट रोड स्थित अग्रवाल आई एंड स्किन हॉस्पिटल मे एक 96 वर्ष की महिला का जटिल मोतियाबिन्द ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन करने वाले नेेत्र विशेषज्ञ व फेको सर्जन डॉ. संजय गुप्ता ने बताया कि इस उम्र मे मोतियाबिन्द ऑपरेशन अपने आप मे एक अत्यंत जटिल प्रक्रिया है क्योकि इस उम्र मे मोतियाबिन्द बहुत कठोर व कडक हो जाता है। साथ ही इस मरीज की आंखो की पुतली भी मात्र 4 मिलीमीटर चौडी थी जिसमे से 10 मिलीमीटर के मोतियाबिन्द को निकालना बहुत मुश्किल था। इसके लिए गुप्ता प्यूपिल एक्सपांडर रिंग डालकर पुतली की साईज 6 मिलीमीटर की गई और फेकोइमल्सिफिकेशन तकनीक से बिना टांके ऑपरेशन किया गया। अगला चैलेंज इस ऑपरेशन मे यह था कि इतनी ज्यादा उम्र होने के कारण आंख की कॉर्निया मे कोशिकाए बहुत कमजोर थी और वो फेकोइमल्सिफिकेशन तकनीक मे निकलने वाली उष्मा से खराब व नष्ट होने का खतरा था, इसलिए विस्कॉट तकनीक का सहारा लिया गया और कोशिकाओ को बचाया गया। इस ऑपरेशन मे फोल्डेबल इंट्राऑक्युलर लेंस लगाया गया और जब दादी जी को अगले दिन अच्छा दिखाई दिया तो उन्होने ईश्वर का लाख लाख धन्यवाद दिया। ये बूंदी जिले का संभवतः पहला ऐसा मोतियाबिन्द ऑपरेशन होगा जो इतनी अधिक उम्र के रोगी मे हुआ है। अधिकतर ऐसे केसेज को जयपुर दिल्ली जैसे बडे शहरो मे भेजना पडता है क्योकि ऐसे ऑपरेशन मे जटिलता व आंख खराब होने की संभावना ज्यादा होती है। लेकिन अग्रवाल आई एंड स्किन हॉस्पिटल मे नवीनतम तकनीक व डॉ. संजय गुप्ता के अनुभव व दक्षता से सभी जटिल नेत्र रोगो का ईलाज सफलतापूर्वक किया जा रहा है।