सिचाई विभाग की लापरवाही व अनदेखी व राजस्व विभाग की मिली भगत से थैकडा शिवपुरी धाम से लेकर रायपुरा डी.सी.एम. चौराहे तक सिचाई विभाग की करोड़ो की जमीन को भूमाफियाओं द्वारा तहसील लाड़पुरा से मिलकर अपने खसरा नम्बर में नक्शे में जुड़वा कर क्षेत्रफल बढ़ा लिया और अतिक्रमण करके निर्माण कार्य शुरू करवा दिए है। इस मामले को लेकर नागरिक उत्थान परिषद राजस्थान प्रदेश के अध्यक्ष मनोज कुमार गहलोत एवं परिषद के प्रदेश सचिव पपेन्द्र कुमार गहलोत ने एडीएम सिटी से मुलाकात कर उनका स्वागत किया और इस विकट समस्या से भी अवगत कराया। पपेन्द्र गहलोत
ने एडीएम सिटी को अवगत कराया कि वह पूर्व में भी सिंचाई विभाग, तहसीलदार, अतिरिक्त क्षैत्रीय विकास आयुक्त कार्यालय सीएडी, अधीक्षण अभियंता सिंचाई सीएडी दायी मुख्य नहर को भी ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया है। सबूत के तोर पर 20 साल पुराना राजस्व विभाग का नक्शा बताकर एक बिस्वा जमीन को तहसील लाड़पुरा के पटवारी से मिलकर खसरा नंबर 156 के क्षेत्रफल में सिंचाई विभाग की खसरा नं. 347 की करीबन दो बीघा जमीन सरदार मन्जीत सिंह पुत्र संतोख सिंह के खसरा नं. 156 में जोड़ दिया, जिस पर उसने निर्माण कार्य शुरू कर दिया, इसकी जाँच करने एवं निर्माण कार्य हटवाने की मांग की है। परिषद के अध्यक्ष मनोज कुमार गहलोत ने न्यायालय के माध्यम से नयापुरा थाना कोटा शहर में परिवाद दर्ज करवाया था। इस रिपोर्ट पर एक वर्ष तक जांच करने के बाद भी अनुसंधान अधिकारी ने न्यायपूर्ण रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बजाय अनुसूचित जाति की खातेदारी की जमीन पर सामान्य जाति के व्यक्ति का कब्जा प्रमाणित किया। जबकि अनुसूचित जाति जनजाति की भूमि न तो सामान्य जाति के नाम दर्ज हो सकती है ना ही सामान्य जाति का कोई व्यक्ति उस पर कब्जे का दावा कर सकता है। उन्होंने कहा कि यदि हमारी मांगे नहीं मानी गई तो आगामी समय में विशाल धरना दिया जाएगा।