सर्दी के इस दौर में आमजन को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। खासकर बच्चों, बुजुर्गों, बीमार एवं गर्भवती महिलाओं को ताकि मौसमी बीमारियों की चपेट में आने से बच सकें। मुख्यत: इस मौसम में गर्म कपड़े पहनने को लेकर कोई कोताही नहीं बरतनी चाहिए और यथासंभव अनावश्यक घर से बाहर न निकलें। इन दिनों सर्दी, खांसी, जुकाम व बुखार जैसी सामान्य बीमारियां आमजन को चपेट में ले रही हैं, ऐसे में जरूरी है कि सर्दी से खुद को बचाते हुए बीमारियों से बचें। सर्दी के इस मौसम एवं बीमारियों को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है और आमजन से सतर्क रहने की अपील की है।
सीएमएचओ डॉ. सामर ने बताया कि इस मौसम के चलते कोई भी मौसमी बीमारियों की चपेट में आ सकता है, लिहाजा सावधानी बेहद जरूरी है। इन दिनों नियमित रूप से गर्म कपड़े पहनें, हल्की धूप के कारण गर्म कपड़े पहनने बन्द न करें। विभाग की ओर से भी सामान्य सर्दी, जुकाम व बुखार को लेकर जांच, उपचार एवं दवाओं की व्यवस्था स्वास्थ्य केन्द्रों पर सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को पाबंद किया है। इसके साथ ही जिला, ब्लॉक व पीएचसी स्तर पर होने वाली बैठकों में स्वास्थ्य कार्मिकों व आशा कार्यकर्ताओं को शीतलहर संबंधित जानकारी देने के निर्देश भी दिए गए हैं। आमजन को चाहिए कि वे नियमित हाथ धोएं, खांसी-जुखाम होने पर तुरंत जांच करवाएं एवं आवश्यक दवाएं लें। आने वाले दिनों में विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है।
शीतलहर के लक्षण : शीतलहर से प्रभावित रोगी का शरीर ठण्डा पड़ जाना, शरीर का सुन्न पडऩा, नाड़ी का धीमा व मन्द पड़ जाना, रोयें खड़े हो जाना व श्वसन तेज चलना आदि होते है। रोगी द्वारा समय पर उपचार नहीं लेने पर होगी की मृत्यु भी हो सकती है।
बचाव के उपाय
- जहां तक हो सके घर के बाहर दिन में ही निकलें, अनावश्यक घर से बाहर न जाएं।
- स्वयं को व बच्चों को ऊनी कपड़ों से ढकें।
- फुटपाथ पर रहने वाले भ्रमणशील जातियां, जैसे भिखारी, गाडिय़ालुहार आदि रात्रि में रेन बसेरा, सार्वजनिक भवन आदि में रहें। खुले स्थान पर न सोयें। आमजन इनका यथा संभव सहयोग करें।
- रात्रि में बाहर कार्य करना/रहना आवश्यक हो तो अपने पास अंगीठी, आवश्यक लकड़ी आदि जलाकर अलाव लगाकर तापने की व्यवस्था करें। हीटर आदि हो तो उपयोग में लें।
- घर या ऑफिस में अंगीठी, हीटर आदि का उपयोग करें, तब कमरे में ताजा हवा का रास्ता बन्द न करें।
- शीतलहर में अधिकतर गर्म भोजन का सेवन करें और खाद्य पदार्थ जैसे गुड़, तिल, चिकनाई, चाय, कॉफी आदि का सेवन करें।
- शारीरिक श्रम अधिक करें, हो सके तो सुबह व्यायाम करें। तेल की मालिश करें।
- जिस व्यक्ति को शीत/शीतलहर का प्रभाव हो उसे तत्काल कम्बल, रजाई आदि से ढकें।
- गर्म पानी की थैली उपलब्ध हो तो उससे सेक करें। बाद में पास के चिकित्सालय में दिखाएं।