नई दिल्ली। सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन के पूर्व चेयरमैन ओसामु सुजुकी का 94 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने जापानी मिनी-वाहन निर्माता को ग्लोबल लेवल पर प्रतिस्पर्धी कंपनी बनाने में मदद की। उन्होंने भारतीय मोटर वाहन उद्योग को नई दिशा दी है। ओसामु ने टोक्यो के चुओ यूनिवर्सिटी से लॉ में ग्रेजुएशन किया था, उस दौर में उन्होंने स्कूल में पढ़ाया, साथ ही नाइट गार्ड की नौकरी भी की। पढ़ाई पूरी कर बैंकर के रूप में करियर शुरू किया।

 

ओसामु का जन्म 30 जनवरी, 1930 को जापान के गेरो में हुआ था। ओसामु ने टोयोटा मोटर्स को नए मानकों के अनुरूप इंजन स्पलाई करने के लिए राजी किया और कंपनी को बंद होने से बचाया। 1978 में वो सुजुकी के प्रेसिडेंट बने।

1982 में मारुति ने भारत सरकार के साथ जॉइंट वेंचर बनाया

1978 से 2021 में 91 साल की उम्र में अपनी सेवानिवृत्ति तक, सुजुकी ने अध्यक्ष और सीईओ के रूप में कार्य किया। उनके कार्यकाल के दौरान, सुजुकी मोटर की बिक्री 1978 में लगभग 300 बिलियन येन (1.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर) से तेजी से बढ़ी और वित्तीय वर्ष 2006 में 3 ट्रिलियन येन से अधिक हो गई।1982 में सुजुकी ने भारत सरकार के साथ एक जॉइंट वेंचर बनाया, इसमें मारुति उद्योग का निर्माण हुआ। इस साझेदारी ने मारुति 800 नाम की एक छोटी कार पेश की।

 

क्यों आए थे भारत?

लॉन्चिंग के साथ ही यह मॉडल भारतीय बाजार में हिट हो गया और सुजुकी को एक मजबूत जगह दिलाई। एक बार ओसामु ने कहा था, वे दुनिया में कहीं भी नंबर 1 कार निर्माता बनना चाहते थे, इसलिए भारत आए।