अगर कर्ज मुक्त किसान होगा तो भूख मुक्त बनेगा हिन्दुस्तान - पूर्व कृषि मंत्री डॉ. सैनी
बिचौलियों से मुक्ति के लिए हर जिले में बनने चाहिए कृषक उत्पादक संघ (एफपीओ)
बिचौलियों से मुक्ति के लिए हर जिले में बनने चाहिए कृषक उत्पादक संघ (एफपीओ)
बून्दी। मैथिलीशरण गुप्त की कविता ‘शीत कांपता जिसके भय से आतप ठंडा पड़ जाता, वर्षा से वह क्या घबराता, हलए फावड़ा जब वो चलता’ पंक्तियों के माध्यम से देश के किसानों के योगदान की सराहना करते हुए पूर्व कृषि मंत्री डॉ. प्रभु लाल सैनी ने कहा कि किसान स्वयं प्रकृति से लड़ कर अन्न और दूध पैदा करके फल सब्जियां तैयार करके आम जनता के पेट को पालने का काम किसान करता हैं।
पूर्व कृषि मंत्री डॉ. प्रभु लाल सैनी किसान दिवस के मौके पर सोमवार को खेल संकुल में आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। पूर्व कृषि मंत्री सैनी ने कहा कि सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 2024-25 में किसानों के हित में फैसला करते हुए 1.25 लाख करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया हैं, जो 2014 में मात्रं 22000 करोड़ था। में किसानों को आर्थिक संबल देने के लिए प्रधानमंत्री कृषक सम्मान निधि योजना लागू करने का कार्य किया हैं। इस दौरान पूर्व कृषि मंत्री सैनी ने कहा कि बिचौलियों से मुक्ति के लिए हर जिले में क्षेत्रवार कृषक उत्पादक संघ (एफपीओ) का गठन किया जाना चाहिए।
पूर्व कृषि मंत्री डॉ. प्रभु लाल सैनी किसान दिवस के मौके पर सोमवार को खेल संकुल में आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। पूर्व कृषि मंत्री सैनी ने कहा कि सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 2024-25 में किसानों के हित में फैसला करते हुए 1.25 लाख करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया हैं, जो 2014 में मात्रं 22000 करोड़ था। में किसानों को आर्थिक संबल देने के लिए प्रधानमंत्री कृषक सम्मान निधि योजना लागू करने का कार्य किया हैं। इस दौरान पूर्व कृषि मंत्री सैनी ने कहा कि बिचौलियों से मुक्ति के लिए हर जिले में क्षेत्रवार कृषक उत्पादक संघ (एफपीओ) का गठन किया जाना चाहिए।
सुरक्षा, संस्कृति व संपन्नता की पहचान हैं कृषि व किसान
कृषि व किसान को सुरक्षा, संस्कृति व संपन्नता की पहचान बताते हुए पूर्व कृषि मंत्री सैनी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने पूरे देश में प्रकृति की मार से अतिवृष्टि अनावृष्टि सहित प्राकृतिक आपदा की स्थिति में 33 फीसदी खराबा होने पर भी पूरे देश में मुआवजा देने के प्रावधान किए गए हैं। इन्होंने राजस्थान की कृषि वर्षा आधारित जुआ खेलने का काम किसान करता है, जो सर्दी गर्मी बरसात की परवाह किए बिना निरंतर अपने कार्य में लगा रहता हैं।
औपचारिकता न बन जाए किसान दिवस
पूर्व कृषि मंत्री सैनी ने सभी से आह्वान करते हुए कहा कि किसान दिवस अन्य दिवसों की तरह औपचारिकता नहीं बनाना चाहिए, अपितु वास्तविक रूप से इस दिन को भारतीय किसानों के योगदान और उनके जीवन में सुधार के लिए सकारात्मक प्रयास करने चाहिए। नई तकनीकों और योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के उपयोग से किसानों को उनकी उत्पादकता बढ़ाने में सहायता के प्रयास होने चाहिए। साथ ही, किसानों के संघर्षों को समझने और उनके समाधान खोजने की दिशा में कार्य करने चाहिए।
पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह को दी श्रद्धांजलि
पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए पूर्व कृषि मंत्री सैनी ने कहा कि 2001 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह के सम्मान में 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस घोषित किया था। चौधरी चरण सिंह ने किसानों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं बनाईं। उनकी नीतियां कृषि क्षेत्र में स्थिरता लाने और किसानों की समस्याओं को दूर करने में सहायक ही नहीं रही अपितु किसानों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार करने के साथ भारतीय कृषि क्षेत्र में स्थिरता और प्रगति का भी मार्ग प्रशस्त भी किया।
इस मोके पर भेरू प्रकाश माहेश्वरी, चन्द्र प्रकाश गुंजल, किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष पोखर लाल नागर , पूर्व सरपंच रमेश पारीक ,अशोक शर्मा , नितेश जैन, बंटी मीणा ,चेतन जैन सुरेंद्र सिंह, दिनेश दाधीच, शंकर मीणा नारायण नकलक सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।