कोटा में उप वन संरक्षक (डीसीएफ) को थप्पड़ मारने के ढाई साल पुराने मामले में बीजेपी के पूर्व विधायक को 3 साल की जेल हुई है। एससी/एसटी कोर्ट ने थप्पड़कांड में गुरुवार को पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत और बीजेपी कार्यकर्ता महावीर सुमन को दोषी माना। दोनों को 3-3 साल के साधारण कारावास की सजा सुनाई। फैसले के बाद मीडिया से बातचीत में राजावत ने कहा- वे हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
वन विभाग के ऑफिस में जाकर मारा था थप्पड़
मामला मार्च 2022 का है। तब दाढ़ देवी माता मंदिर रोड पर यूआईटी की ओर से करवाए जा रहे पेचवर्क को वन विभाग ने रुकवाया था। इस बात से नाराज होकर पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत ने वन विभाग के ऑफिस में जाकर तत्कालीन डीसीएफ रविकुमार मीणा को थप्पड़ मार दिया था। रविकुमार ने कोटा के नयापुरा थाने में भवानी सिंह राजावत, भाजपा कार्यकर्ता महावीर सुमन सहित 10-15 लोगों पर थप्पड़ मारने, धक्का-मुक्की करने और राजकार्य में बाधा के आरोप लगाए थे। पुलिस ने धारा 332 (गैर जमानती), 353, 34 और 3 (2)(va) एससी/एसटी एक्ट में मामला दर्ज किया था।
कोर्ट का फैसला, 3-3 साल की सजा कोर्ट ने आज फैसला सुनाते हुए भवानी सिंह राजावत व महावीर सुमन को राजकार्य में बाधा डालने और थप्पड़ मारने के मामले में दोषी मानते हुए धारा 332 (गैर जमानती) में 3-3 साल कारावास की सजा सुनाई। 30-30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। जबकि धारा-3 (एससी-एसटी) में दोनों को बरी किया है।
राजावत बोले- हाईकोर्ट में अपील करूंगा कोर्ट के फैसले के बाद राजावत ने मीडिया से कहा- मैंने उसको कहा था नादानी मत करो। मैंने केवल कंधे पर हाथ रखा था। उसने मुझ पर थप्पड़ मारने का आरोप लगा दिया। मुझे कोर्ट पर भरोसा था। आज कोर्ट ने फैसला दे दिया। कोर्ट ने धारा-3 में बरी कर दिया। थप्पड़ मारने के मामले में हाईकोर्ट में अपील करूंगा। मुझे भरोसा है, मेरे साथ न्याय होगा।