साउथ कोरिया में मार्शल लॉ लगाने वाले राष्ट्रपति यून सुक योल ने गुरुवार को टीवी पर संबोधन दिया। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक उन्होंने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि वे पद से नहीं हटेंगे और महाभियोग लगाए जाने के खिलाफ अंत तक लड़ते रहेंगे।यून ने कहा कि संसद में सैनिकों को भेजना विद्रोह नहीं है। लोकतंत्र को खत्म होने से रोकने और संसद में विपक्ष की तानाशाही का मुकाबला करने के लिए उन्होंने मार्शल लॉ लगाने का फैसला लिया। यह पूरी तरह से कानूनी था।यून ने कहा-चाहे मेरे खिलाफ जांच की जाए या महाभियोग लाया जाए, मैं निष्पक्ष रूप से इसका सामना करूंगा रहूंगा। मैं आखिर तक लड़ता रहूंगा।​​​इससे पहले 7 दिसंबर को राष्ट्रपति यून ने मार्शल लॉ लगाने के लिए देश से माफी मांगी थी। उन्होंने लाइव टीवी पर सिर झुकाकर जनता के सामने मार्शल लॉ लगाए जाने को गलत कहा था। तब उन्होंने कहा था कि ये फैसला कानूनी या राजनीतिक वजहों से नहीं बल्कि हताशा में लिया गया था।