रेखा शर्मा की लघुकथा वैश्विक हिंदी संस्थान अमेरिका के प्रकाशन में हुई शामिल 

बून्दी। वैश्विक हिंदी संस्थान ह्यूस्टन अमेरिका द्वारा  वैश्विक लघु कथा पीयूष का प्रकाशन किया गया है जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस प्रकाशन में 9 देशों के 112 लेखकों की रचनाओं को संकलित किया गया है जिसमें बूंदी की साहित्यकार उमंग  संस्थान मार्गदर्शक एवं सामाजिक कार्यकर्ता रेखा शर्मा की रचना को भी शामिल है। 

संस्थान समन्वयक डॉ सर्वेश तिवारी ने बताया कि  इस  विश्वस्तरीय हिंदी प्रकाशन में प्रयोगधर्मी लेखिका रेखा शर्मा की लघुकथा "मातृत्व" का सम्मिलित होना अत्यन्त गर्व का विषय है। विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर संकलित इस प्रकाशन में उनकी लघुकथा के चयन पर  वैश्विक हिंदी संस्थान के अध्यक्ष एवं प्रधान संपादक ओमप्रकाश गुप्ता ने इस योगदान की सराहना करते हुए सम्मान स्वरूप  रेखा शर्मा को प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया है। तिवारी ने बताया कि मानवीय भावनाओं से ओतप्रोत इस लघु कथा में कैंसर से पीड़ित बहन की मृत्यु के बाद उसके तीन बच्चों को अपनाने वाली बहन अर्पणा के ममतामय त्याग समर्पण को बताया गया है जिसमें वह स्वयं कभी अपने बच्चे पैदा न करने का निर्णय लेकर  अपना जीवन इन तीन बच्चों को समर्पित कर देती है। लघु कथा मातृत्व के भाव का जीवंत चित्रण करते हुए पाठकों के मन को द्रविभूत कर देती है।

इस शानदार उपलब्धि पर उमंग संस्थान अध्यक्ष डॉ सविता लौरी, उपाध्यक्ष लोकेश जैन एवं आचार्य विनोद कुमार गौतम, सचिव कृष्णकांत राठौर सहित चिकित्सा प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ अभिलेष शर्मा, एजूसेल प्रभारी कुश जिंदल, राकेश माहेश्वरी सहित कार्यकारिणी सदस्य गण एवं साहित्य जगत ने प्रसन्नता व्यक्त की तथा रेखा शर्मा को बधाई व शुभकामनाएं प्रेषित की है।