विशिष्ट है, बावड़ियों के शहर की  ऐतिहासिक उपलब्धियाँ और अनुपम प्राकृतिक छटा : डॉ दाधीच

उमंग संस्थान की बूंदी विकास के आयाम विषयक परिचर्चा का हुआ आयोजन 

ज्योतिष, कर्मकांड, कला और साहित्य में अग्रणी रही है, छोटी काशी

बून्दी। उमंग संस्थान द्वारा साहित्य, अनुसंधान से जुड़े, वास्तु, ज्योतिष मर्मज्ञ  काशी और जोधपुर से बूंदी प्रवास पर आए आचार्यगण के मुख्य आतिथ्य में  वसुधैव कुटुंबकम तथा  छोटी काशी बूंदी के विकास  आयाम विषयक परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा को संबोधित करते हुए सूर्यनगरी ज्योतिष एवं वास्तु शोध संस्थान के अध्यक्ष डॉ भैरव प्रकाश दाधीच ने बूंदी की सांस्कृतिक विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि आज वसुधैव कुटुंबकम  की सार्थकता के लिए जनजागृति की आवश्यक है। डॉ. दाधीच ने बूंदी विकास के लिए आयामों की चर्चा करते हुए बताया कि बावड़ियों के शहर की  ऐतिहासिक उपलब्धियाँ और अनुपम प्राकृतिक छटा विशिष्ट है आज इसकी वैश्विक मंच पर पहचान हेतु विश्व बंधुत्व की दिशा में सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों, अंतर-धार्मिक संवादों और बहुसांस्कृतिक शिक्षा को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। 

वहीं अपने संबोधन में काशी की विद्वत परिषद, वाराणसी के आचार्य पं. प्रवीण पांडे ने बूंदी व काशी के आध्यात्मिक व साहित्यिक संबंधों पर प्रकाश डाला उन्होंने कहा कि वीरों की पर्याय रही बूंदी ज्योतिष, कर्मकांड, कला और साहित्य क्षेत्र में अपनी विशिष्ट छवि के साथ अग्रणी रही हैं। संस्कृत के विद्वान बूंदी के प्रो. भोलाशंकर व्यास का उदाहरण देते हुए कहा कि उनकी साहित्य साधना के ज्ञान से  वाराणसी में छोटी काशी की प्रतिष्ठा को मुखरित किया है। बूंदी प्रवास के अपने अनुभवों को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि यहां का वातावरण संस्कृति का पोषक व आत्मीयता का सूचक है। उमंग संस्थान द्वारा ईश्वरी निवास में आयोजित  परिचर्चा में संस्थान उपाध्यक्ष विनोद कुमार गौतम ने बूंदी की कला संस्कृति साहित्य और  ज्योतिषीय उपलब्धियों की जानकारी दी वहीं समन्वयक डॉ सर्वेश तिवारी ने उमंग संस्थान के प्रतिवेदन द्वारा संगठन का परिचय करवाया। 

इससे पूर्व अतिथियों का अभिनंदन किया गया देवेंद्र गौतम, श्रीहनुमंत धाम महंत रोहित दास महाराज ने अतिथियों को दुपट्टा भेंट किया। डॉ अभिलेष शर्मा, राकेश माहेश्वरी, कमलेश शर्मा, कुश जिंदल, मनोज सोनी ने आचार्य प्रवीण पांडे तथा  डॉ भैरव प्रकाश दाधीच का माल्यार्पण किया तथा शॉल ओढ़ाकर स्मृति चिन्ह भेंट किया। इस दौरान बूंदी के पूर्व राजपरिवार के सदस्य महाराव राजा वंशवर्धन सिंह  के प्रतिनिधि जय सिंह व जोगेंद्र सिंह ने  विद्वजन का माल्यार्पण कर अभिनन्दन किया। परिचर्चा में वेद पाठी अनिल शर्मा, शिव कांत शर्मा, हेरंब जोशी सहित संगठन के उपाध्यक्ष विनोद कुमार गौतम, कमलेश शर्मा, डॉ  अभिलेष शर्मा, राकेश माहेश्वरी, कुश जिंदल, मनोज सोनी ने अपने विचाराभिव्यक्ति दी। कार्यक्रम संचालन डॉ  सर्वेश तिवारी ने किया। संस्थान सचिव कृष्णकांत राठौर ने आभार प्रकट किया।