मोदी के नेतृत्व में बाबासाहेब के सपनों का मजबूत, समृद्ध, सशक्त और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण : चुग

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुग ने संविधान दिवस के अवसर पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए चुग ने कहा “आज पूरा देश संविधान दिवस को गर्व और उत्साह के साथ मना रहा है। यह वही महान संविधान है जिसे भारत रत्न डॉ. बी.आर. अंबेडकर के कुशल नेतृत्व में तैयार किया गया था। 26 नवम्बर १९४९ को भारतीय संविधान अंगीकृत हुआ था, इस दिवस की एतिहासिक महत्ता को ध्यान में रखते हुए हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने २०१९ में इस दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया, भारत जैसे विशाल और विविधता वाले देश में हमारा संविधान लोकतंत्र की नींव है, जो प्रत्येक नागरिक को सशक्त बनाता है, डॉ. अंबेडकर ने एक ऐसा संविधान तैयार किया, जिसने न केवल देश को एकता और अखंडता का पाठ पढ़ाया, बल्कि हर नागरिक को समानता, स्वतंत्रता और न्याय का अधिकार भी सुनिश्चित किया। उनका जीवन और विचारधारा हमें समाज में समानता और समरसता स्थापित करने की प्रेरणा देते हैं। यह न्याय, गरिमा और अधिकारों को सुनिश्चित करता है, साथ ही राष्ट्रीय एकता और अखंडता के मंत्र को मजबूती प्रदान करता है।”

चुग ने कहा की आज़ादी के 7 दशक बाद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के अथक प्रयासों से 370 और 35 A के जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त २०१९ को भारत का संविधान पूर्णतः लागू हुआ और गरीब पिछड़े एवं महिलाओं को उनके अधिकार मिले यह गौरव की बात है। पहली बार जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री ने डॉ भीम राव आंबेडकर के संविधान की शपथ ली है, और आज पूरे हर्ष उल्लास से पूरे जम्मू कश्मीर में संविधान दिवस मनाया गया, और श्रध्येय श्यामा प्रसाद मुख़र्जी जी के एक निशान एक विधान और एक प्रधान’ मोहर लगा दी।  

चुग ने कहा “भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए संविधान केवल एक पुस्तक नहीं, बल्कि प्रेरणा का स्रोत और सार्वजनिक जीवन में मार्गदर्शक है। यह हमें राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित होकर काम करने के लिए प्रेरित करता है। इस महत्वपूर्ण अवसर पर, आइए हम सभी अपने माननीय प्रधानमंत्री के साथ यह संकल्प लें कि हम एक मजबूत, समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करेंगे, जो डॉ. बी.आर. अंबेडकर के सपनों को साकार करेगा।”

चुग ने सभी से संविधान में निहित मूल्यों को फिर से आत्मसात करने और एक उज्जवल और समावेशी भारत के निर्माण के लिए सामूहिक रूप से प्रयास करने का आह्वान किया।