एपल के कई प्रोडक्ट के कुछ वर्जन में खामियां पाईं गई हैं जिनका फायदा उठाकर हैकर्स सिस्टम में सेंधमारी कर सकते हैं और ठगी को अंजाम दे सकते हैं या निजी जानकारी को चुरा सकते हैं। यह खामियां पुराने सॉफ्टवेयर पर चल रहे डिवाइस को खासतौर पर प्रभावित करती हैं। इसलिए अपने डिवाइस को लेटेस्ट सॉफ्टेवेयर पर इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है।
Apple यूजर्स के लिए सरकार के अधीन काम करने वाली संस्था इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) ने एक सख्त एडवाइजरी जारी की है। इसमें iPhone, iPads, Macs और Safari ब्राउजर का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स को सिक्योरिटी के मद्देनजर चेताया गया है।
एपल के कई प्रोडक्ट के कुछ वर्जन में खामियां पाईं गई हैं, जिनका फायदा उठाकर हैकर्स सिस्टम में सेंधमारी कर सकते हैं और ठगी को अंजाम दे सकते हैं या निजी जानकारी को चुरा सकते हैं। संस्था ने सेफ्टी के लिए कुछ उपाय भी बताए हैं।
रिस्क में एपल यूजर्स
जिन लोगों के पास एपल का आईफोन, आईपैड, मैक है या वे सफारी ब्राउजर का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो उन्हें थोड़ा सतर्क हो जाना चाहिए। साइबर क्रिमिनल्स सिस्टम में आई खामियों का फायदा उठाकर सिस्टम में गलत ऐप इंस्टॉल कर सकते हैं।एडवाइजरी में दो मुख्य वल्नरेबिलिटीज के बारे में पता चला है। पहला एग्जिक्यूशन वल्नरेबिलिटी है। (CVE-2024-44308) और क्रॉस-साइट स्क्रिप्टिंग (XSS) वल्नरेबिलिटी (CVE-2024-44309) कंपोनेंट सफारी ब्राउजर को प्रभावित करता है। साइबर अटैकर्स डिवाइस में इनका फायदा उठाकर गलत गतिविधी को अंजाम दे सकते हैं।
दूसरी कमजोरी वेबकिट में है, यह वह इंजन है जो एपल डिवाइस पर Safari और अन्य वेब कंटेंट को संचालित करता है। यह समस्या हैकर्स के लिए XSS अटैक को ट्रिगर करने की संभावना पैदा करती है।