इंफाल। मणिपुर के जिरिबाम जिले में बच्चे के सिर में गोली मारी गई थी। कुकी उग्रवादियों ने तीन साल के बच्चे की आंख भी निकाल ली। दरिंदों ने पसलियां तोड़ दीं। पिछले हफ्ते मिले छह शवों में तीन की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बर्बरता के साक्ष्य मिले हैं।
शवों के विभिन्न हिस्सों पर गोली लगने के कई निशान हैं। 11 नवंबर को उग्रवादी हमले के बाद से मैतेयी समुदाय की तीन महिलाओं और तीन बच्चों का पता नहीं चल पा रहा था। पिछले सप्ताह उनके शव जिरीबाम जिले में जिरी नदी और असम के कछार में पास की बराक नदी में पाए गए थे। शव मिलने के बाद हिंसा भड़क उठी थी।
बच्चे की दाहिनी आंख गायब
अधिकारियों ने रविवार को बताया कि तीन साल के बच्चे चिंगखेनगांबा सिंह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि उसकी दाहिनी आंख गायब थी। उसके सिर में गोली के जख्म मिले। छाती में फ्रैक्चर और बांह और शरीर के अन्य हिस्सों पर भी घाव के निशान मिले। पोस्टमार्टम असम के कछार जिले के सिलचर मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसएमसीएच) में किया गया।मां को मारी चार गोलियां
रिपोर्ट में बताया गया है कि जब बच्चे का शव मिला वह सड़ने की स्थिति में था। गुवाहाटी स्थित फोरेंसिक विज्ञान निदेशालय से विसरा रिपोर्ट मिलने तक मौत के कारण का पता नहीं चल पाएगा। रिपोर्ट के अनुसार बच्चे की मां एल. हेतोनबी देवी को चार गोलियां मारी गईं।रिपोर्ट के अनुसार मौत के लगभग सात दिन बाद 18 नवंबर को शव एसएमसीएच लाया गया था। बच्चे की नानी रानी देवी को भी सिर में गोली मारी गई। उन्हें कुल पांच गोलियां लगीं। उनकी मृत्यु के कम से कम तीन से पांच दिन बाद 17 नवंबर को शव एसएमसीएच लाया गया। एक अन्य महिला और दो बच्चों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।