प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात रेडियो शो के 116वें एपिसोड में स्वामी विवेकानंद की 162वीं जयंती, NCC दिवस, गयाना यात्रा, लाइब्रेरी जैसे मुद्दे पर बात की।पिछली बार की तरह पीएम मोदी ने कहा- हमें बार-बार लोगों को समझाना होगा कि सरकार में डिजिटल अरेस्ट का कोई प्रावधान नहीं है। यह एक खुला झूठ और लोगों को फंसाने की साजिश है।115वें एपिसोड में उन्होंने डिजिटल अरेस्ट जैसे फ्रॉड से बचने के लिए तीन स्टेप रुको, सोचो और एक्शन लो अपनाने की बात कही थी।पीएम ने NCC डे पर कहा कि जब हम NCC का नाम सुनते हैं, हमें अपने स्कूल और कॉलेज के दिन याद आ जाते हैं। मैं खुद एनसीसी कैडेट रह चुका हूं, इसलिए मैं पूरे आत्मविश्वास से कह सकता हूं कि उससे मिले अनुभव मेरे लिए अमूल्य हैं।

पीएम मोदी ने मन की बात में इन मुद्दों पर बात की

  • नेशनल कैडेट कोर (NCC) पर : 2024 तक NCC से 20 लाख से ज्यादा युवा जुड़े हैं। पहले की तुलना में, 5 हजार नए स्कूलों और कॉलेजों में NCC का प्रावधान किया गया है। पहले NCC में लड़कियों की संख्या सिर्फ 25% थी। अब यह बढ़कर लगभग 40% हो गई है, जो एक बड़ा बदलाव है। NCC युवाओं में अनुशासन, नेतृत्व और सेवा की भावना विकसित करती है। जब भी कहीं आपदा होती है, चाहे वह बाढ़ हो, भूकंप हो या कोई अन्य दुर्घटना, एनसीसी कैडेट वहां मदद के लिए जरूर मौजूद रहते हैं।
  • स्वामी विवेकानंद की जयंती और युवा दिवस पर : 2025 स्वामी विवेकानंद की 162वीं जयंती के रूप में मनाया जाएगा और इसे खास तरीके से मनाने की तैयारी है। स्वामी विवेकानंद की जयंती पर 11-12 जनवरी को दिल्ली के भारत मंडपम में युवा विचारों का एक महाकुंभ आयोजित किया जाएगा। इसका नाम 'विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग' रखा गया है। देश में 1 लाख ऐसे नए युवाओं को राजनीति से जोड़ने के लिए विशेष अभियान भी चलाए जाएंगे।
  • युवाओं के सोशल वर्क पर : कुछ युवाओं ने समूह बनाकर विभिन्न मुद्दों को सुलझाने का प्रयास किया है। लखनऊ के वीरेंद्र ने बुजुर्गों की डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट से जुड़ी समस्याओं को हल करने में मदद की है। इससे चीजें बहुत आसान हो गईं। बुजुर्गाें को अब बैंक जाने की जरूरत नहीं पड़ती। मैं कहना चाहूंगा कि युवा तकनीकी अपराधों से बचने के लिए बुजुर्गों की मदद करें और उन्हें सुरक्षित डिजिटल व्यवहार अपनाने में हेल्प करें।
  • देश में चल रहे लाइब्रेरी इनीशिएटिव पर : चेन्नई में 'प्रकृति अरिवगम' के नाम से च्चों के लिए एक ऐसी लाइब्रेरी बनाई गई है, जो रचनात्मकता और सीखने का केंद्र बन गई है।​​​​​​​ फूड फॉर थॉट फाउंडेशन ने हैदराबाद में कई लाइब्रेरी बनाई हैं। बिहार में गोपालगंज में भी प्रयोग लाइब्रेरी की चर्चा हो रही है। इससे 12 गांव के युवा को मदद मिल रही है।