राजस्थान की 7 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के बाद अब परिणाम की घड़ी आ चुकी है. नतीजों से ठीक एक दिन पहले शुक्रवार को बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ कांग्रेस नेताओं पर जमकर बरसे. एनडीटीवी से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने समय से पहले ही हथियार डाल दिए. तीन बार मुख्यमंत्री रहे अशोक गहलोत का प्रचार में नहीं आना और सचिन पायलट का सिर्फ औपचारिकताएं पूरी करना इसका साफ उदाहरण है. पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा (Govind Dotasra) खुद को सबसे बड़ा नेता मानते हैं. उन्होंने सोचा कि में ही इस चुनावी बैतरणी को पार कर दूंगा, उसका नतीजा भी सामने आ जाएगा.  राठौड़ ने कहा कि सातों सीटें राजस्थान (Rajasthan) के 7 अलग-अलग जिलों में हैं और उनमें पीसीसी चीफ का दावा कितना सही है, यह सामने आ जाएगा. उन्हें छोटी सी सफलता क्या मिल गई, वह समझ बैठे कि वह राजनीतिक के मर्मग्य विद्वान हो गए. इस चुनाव में मालूम पड़ जाएगा, जब कांग्रेस इस चुनाव में औंधे मुंह गिरेगी. इस दौरान राजेंद्र राठौड़ ने खींवसर और चौरासी सीट पर चुनौती को स्वीकार किया.बीजेपी नेता ने कहा कि इन दो सीटों पर क्षेत्रीय पार्टियों ने अपना वजूद दिखाया है, लेकिन यहां तीसरी ताकत पहले भी नहीं पनपी और आगे भी नहीं पनपेगी. यदा-कदा कोई एक सीट मिल जाए तो उससे यह नहीं कहा जा सकता कि राजस्थान में कहीं तीसरा मोर्चा आकर ले रहा है. इस दौरान राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में किसी भी सत्तारूढ़ दल ने उपचुनाव में ऐसी सफलता प्राप्त नहीं की है, जो 23 तारीख को भजनलाल सरकार को मिलेगी. कांग्रेस का अंतर्कलह और 11 महीने की सरकार का जनकल्याण, पारदर्शी शासन, माफियाओं पर कार्रवाई और सुदृढ़ कानून व्यवस्था का असर यह हुआ कि लोग अब कांग्रेस को नकार  रहे हैं. उपचुनाव की 7 सीटों में से बीजेपी 6 से 7 सीट जीतने जा रही है. साथ ही उन्होंने देवली-उनियारा में हुए थप्पड़ कांड की निंदा करते हुए कहा कि हिंसा से संसदीय लोकतंत्र को कमजोर करने का काम किया है. थप्पड़ कांड की जितनी निंदा की जाए, उतनी कम है. निश्चित तौर पर तत्काल कार्यवाही होनी चाहिए, तत्काल ही उन्हें कानूनी शिकंजे में लिया जाना चाहिए था.