टीम जीवनदाता कोटा के साथ अब बूंदी, बारां और झालावाड़ के मरीजों को भी सहजता से एसडीपी उपलब्ध करा रही है। सेवाभावी लोग सेवा के लिए निरंतर आगे आ रहे हैं और इस पुनीत कार्य को कर रहे हैं। टीम जीवनदाता के संरक्षक व संयोजक भुवनेश गुप्ता ने बताया कि बूंदी निवासी नफीसा असाध्य रोग से पीड़ित है और अब तक उसके 15 से अधिक एसडीपी चढ चुकी है। बूंदी से निकलने से पहले उनके परिजन मो. इमरोज़ कॉल करते हैं और ए पॉजीटिव एसडीपी के लिए कहते हैं। जब तक वह कोटा पहुंचते हैं उनकी एसडीपी उन्हें तैयार मिलती है। ऐसा ही एक बार फिर हुआ जब उन्होंने एसडीपी की आवश्यता बताई। भुवनेश गुप्ता के साथ वैश्य समाज के कोटा जिलाध्याश दिनेश विजय के साथ अन्नकूट का हिसाब पूर्ण करने की व्यवस्था में व्यस्त थे । वही निकट में बैठे गौरव अग्रवाल इस बात को सुन रहे थे और उन्होंने एसडीपी की इच्छा जाहिर की। उसके बाद उन्होंने अपना ब्लड सेंटर में ए पॉजीटिव एसडीपी चौथी बार डोनेट की। इससे पूर्व वह 13 बार ब्लड डोनेशन कर चुके हैं। एकाउंटेंट का कार्य करने वाले गौरव का कहना है कि मानवीय सेवा से बडा पुण्य कार्य दूसरा नहीं हो सकता। हम सभी को जीवन में मानवीय सेवा का कार्य निरंतर करना चाहिए। इस दौरान अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन के जिलाध्यक्ष दिनेश विजय ने उनका उत्सावर्धन किया और कहा कि समाज के लिए यह गौरव की बात है। इस परेशानी में समाज का प्रत्येक व्यक्ति सबको सहयोग करे , ये संकल्प करके हम सभी समाजबंधु मानवहित व देशहित में कार्य करेंगे ।