नेहरू युवा केन्द्र, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वाधान में नशा मुक्ति कार्यशाला आयोजित की गई। जिला युवा अधिकारी कशिश जेठवानी ने बताया कि युवाओं में नशीली दवाओं की लत और मादक द्रव्यों के सेवन के संदर्भ में जागरूकता ही इसका मुख्य उद्देश्य है। शिक्षा कार्यशाला की अध्यक्षता वरिष्ठ शल्य चिकित्साधिकारी डॉ. अमर शर्मा ने की। विशिष्ट वक्ता दंत चिकित्सक डॉ. जुनैद अख्तर, योग एवं प्राकृतिक चिकित्साधिकारी डॉ. मुकेश माली, पूर्व उपसभापति डॉ. हीना आगवान मंचासीन रहे। 

मुख्य वक्ता के रूप में युवाओं को संबोधित करते हुए डॉ. शर्मा ने कहा कि मादक दवाओं और नशीले पदार्थों के सेवन से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक व आर्थिक हानि पहुंचने के साथ ही इससे सामाजिक वातावरण भी प्रदूषित होता है, नशा मानसिक विकार उत्पन्न कर आपराधिक प्रवृत्ति को भी बढ़ावा देता है। विशिष्ट वक्ता डॉ. जुनैद ने विभिन्न प्रेरक प्रसंगों के माध्यम से नशे के दुष्परिणामों से अवगत करवाते हुए युवाओं को शराब, गांजा, भांग, अफीम, जर्दा, गुटखा, तम्बाकू और धूम्रपान सहित चरस, स्मैक, कोकिन, ब्राउन शुगर जैसे घातक मादक पदार्थों से दूर रहने की अपील की। योग एवं प्राकृतिक चिकित्साधिकारी डॉ. माली ने नशे के संपर्क में आने से युवाओं में होने वाले व्यवहारगत, विचारात्मक व अन्य शारीरिक व मानसिक परिवर्तनों के संदर्भ में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने युवाओं को नशा-मुक्ति का संकल्प दिलाया। एनएसओ जिला संयोजक शिखर पंचोली ने आभार व्यक्त किया। संचालन आयोजन सह प्रभारी युवा प्रतिनिधि गोविंद प्रजापत ने किया। 

प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेताओं को किया पुरस्कृत, युवा नशा-मुक्ति प्रपत्रों के द्वारा क्षेत्र में जगाएंगे अलख

संयोजक भूपेन्द्र योगी ने बताया कि कार्यक्रम के अंत में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें श्लोक गर्ग, भानूप्रताप साहू, हर्षिता शर्मा विजेता रहे। आयोजन में अतिथियों द्वारा नशा-मुक्ति प्रपत्रों का विमोचन किया गया। युवा संभागियों को केन्द्र की ओर से नशे के दुष्परिणामों की जानकारी देने हेतु नशा-मुक्ति प्रपत्र वितरित किये गए, जिनके माध्यम से युवा विभिन्न क्षेत्रों में जनसंपर्क कर लोगों को जागरूक करेंगे व साथ ही नशा छोड़ने के लिए प्रेरित करेंगे।