जयपुर में श्रीराम कथा के दौरान जगदगुरु रामभद्राचार्य ने कहा- जयपुर वालों अब यह सिद्ध कर देना है कि जिसको भारत में रहना है, उसको राम जी की जय कहना है। जो भी राम का समर्थक है। मैं उसके साथ हूं। मुझे पूरा इतिहास याद है। किसने देश के लिए क्या-क्या किया है। मैं पॉलिटिकल व्यक्ति नहीं हूं। जहां राष्ट्र धर्म आता है, वहां परिवार धर्म पीछे छुट जाता है। रामायण को हल्के में मत लीजिए। इसमें 18 पुराण, 4 उपपुराण, 1 महापुराण (भागवत) समेत कुल 23 पुराणों का सार है।कार्यक्रम में पहुंचे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से रामभद्राचार्य महाराज ने कहा- मैंने कहा मैं पॉलिटिकल व्यक्ति नहीं हूं, लेकिन अब मैं कहता हूं कि मैं पॉलिटिकल व्यक्ति था हूं और रहूंगा। मैं आपसे कहना चाहता हूं कि भगवान की पूजा कमल से की जाएगी की पंजे से, जिसको मन हो मुझे बुलाओ। मन नहीं हो, मत बुलाया करो। मैं जगदगुरू होने के नाते से यह कह रहा हूं कि हमें राम राज्य चाहिए। जो राम राज्य का समर्थन करेगा। उसको मेरा समर्थन है। जो नहीं मानेगा उसको मेरा समर्थन नहीं है।उन्होंने कहा- मैं आपसे कहना चाहता हूं कि हमें काशी और मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि चाहिए ही चाहिए। इसके साथ जयपुर की गलता गद्दी भी रामानंदियों को चाहिए। आप मुख्यमंत्री भजनलाल से कहना की गलता गद्दी रामानंदियों को दे दी जाए। तीर्थ के लिए एक ट्रस्ट बनाया जाए। इसका अध्यक्ष सर्वमान्य जगदगुरु रामानंदाचार्य हो। गलता गदी हमारी सुरक्षित हो जाएगी। यही मेरी दक्षिणा होगी। आप क्षत्रिय है, मैं ब्राह्मण हूं। इसलिए आपको दक्षिणा के रूप में गलता जी देनी पड़ेगी।

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