नई दिल्ली। Supreme Court on Bulldozer Justice। सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश देते हुए इस मामले पर सख्त टिप्पणी की।
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कोर्ट ने कहा कि सिर्फ आरोपी होने पर घर नहीं गिराया जा सकता, बिना मुकदमा किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। प्रशासन जज नहीं बन सकता। अवैध तरीके से घर तोड़ा तो मुआवजा मिले। अवैध कार्रवाई करने वाले अधिकारियों को दंडित किया जाए। बिना किसी का पक्ष सुने सुनवाई नहीं की जा सकती।
बुलडोजर एक्शन पर पक्षपात नहीं हो: कोर्ट
कोर्ट ने फैसले पढ़ते हुए कहा,"कार्रवाई में मौजूद अधिकारियों का नाम रिकॉर्ड हो। वहीं, अवैध निर्माण का वीडियोग्राफी भी किया जाए।
किसी भी परिवार के लिए घर सपने की तरह होता है। किसी का घर उसकी अंतिम सुरक्षा होती है। मकान मालिक को डाक से नोटिस भेजा जाए। गलत तरीके से घर तोड़ने पर मुआवजा मिले। बुलडोजर एक्शन पर पक्षपात नहीं हो सकता। किसी का घर छीनना मौलिक अधिकार का हनन है। बुलडोजर एक्शन, कानून न होने का भय दिखता है। अधिकारी मनमाने तरीके से काम नहीं कर सकते- सुप्रीम कोर्ट