देश में इस साल बदलते मौसम के मिजाज ने कई लोगों की जान ले ली है। कभी भीषण गर्मी का कहर दिखा तो कहीं भारी बारिश या भयंकर सूखा पड़ा, तो वहीं कई आंधी-तूफान देखा गया। इस वजह से 3,238 मौतें हुईं 32 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई और 2.36 लाख लोगों के घर टूटे। बता दें पिछले साल इस दौरान 235 चरम मौसमी घटनाओं में 2,923 और 2022 में 241 चरम घटनाओं में 2,755 जानें गई थीं।
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पटौदी इंटरप्राइजेज एवं अलगोजा रिसोर्ट कीऔर से बूंदी वासियों को दीपावली की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं
सीएसई की रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे अधिक 176 एक्सट्रीम वेदर (बुरे मौसम) वाले दिन मध्य प्रदेश में दर्ज हुए। मौसमी घटनाओं से सबसे ज्यादा 550 लोगों की मौत केरल में हुई। आंध्र में सबसे ज्यादा सर्वाधिक 85,806 मौते हुई हैं और रिपोर्ट के मुताबिक, सब राज्यों में महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा बर्बाद हुईं। ये देशभर में फसलों को हुए कुल नुकसान का 60% है। सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरन्मेंट (सीएसई) की 'स्टेट ऑफ एक्सट्रीम वेदर इन इंडिया 2024' रिपोर्ट में ये आंकड़े सामने आए हैं।