लोग अपनी रोजी-रोटी के लिए हमेशा परेशान रहते हैं. रोजगार छिन जाने की बात सोचने भर से लोगों के सामने समस्याओं का अंबार खड़ा हो जाता है. ऐसे में हर कोई शख्स अपनी नौकरी बचाने के लिए हमेशा जद्दोजहत करते रहता है. लेकिन राजस्थान (Rajasthan) में एक ऐसी स्थिति आ गई है कि प्रदेश के 15 लाख लोगों की नौकरी पर तलवार लटक रही है. इतनी बड़ी संख्या में लोगों की नौकरी पर मंडरा रहे इस संकट को दूर करने के लिए प्रदेश की भजनलाल शर्मा सरकार (Bhajanlal sharma) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अर्जेंट अपील दायर की है. राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने सर्वोच्च अदालत में यह याचिका दाखिल की है.  दरअसल यह मामला खनन उद्योग से जुड़ा है. प्रदेश की 20,000 खनन पट्टों को बंद करने का फरमान आ चुका है. जिससे इन खनन पट्टों में काम कर 15 लाख लोगों की नौकरियां खतरे में गई है. अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने सुबह में मिले निर्देशों के आधार पर आज याचिका दायर की और खनन पट्टों के लिए पर्यावरणीय अनुपालन की समयसीमा बढ़ाने के लिए त्वरित हस्तक्षेप की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष मामले को रखने की योजना बनाई है, ताकि इन खदानों के बंद होने से राज्य में बड़े पैमाने पर बेरोजगारी, सामाजिक अशांति, और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव को रोका जा सके, जिससे राजस्थान में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य भी प्रभावित होगा.