राजस्थान में 7 विधानसभा उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा अपने प्रचार प्रसार में पूरे दमखमके साथ लगे हुए हैं. दौसा सीट पर उपचुनाव दिलचस्प होता नजर आ रहा है। इस सीट पर भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष देवी सिंह बागी होकर चुनाव में ताल ठोकने के साथ अब भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं. देवी सिंह का कहना है कि भाजपा ने बाहरी लोगों टिकट दिया है, हम  भाजपा की मीटिंग में दरी पट्टी बिछाने के लिए एक कार्यकर्ता की तरह काम करते हैं. उन्होंने कहा कि दौसा सीट सामान्य वर्ग की है इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस ने एसटी और एससी कैंडिडेट को चुनाव मैदान में उतारा है। उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान करते हुए कहा कि कांग्रेस और भाजपा ने दौसा सीट पर मैच फिक्सिंग की तरह टिकट दिया गया है जिसको लेकर सामान्य वर्ग के लोगों में नाराजगी है. कांग्रेस ने दौसा से दीनदयाल बैरवा उर्फ डीसी बैरवा को उम्मीदवार बनाया गया है. जातिगत समीकरणों की बात की जाये तो दौसा सीट पर मुकाबला टक्कर का हो सकता है. कांग्रेस इस सीट पर मीणा तो भाजपा ब्राह्मण उम्मीदवार उतारती रही है. लेकिन इस बार भाजपा ने भी मीणा उम्मीदवार उतारा है. ऐसे में भाजपा को सवर्ण मतदाताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है. शंकर लाल शर्मा ने साल 2013 में यहां जीत हासिल की थी. दौसा सीट के जातीय समीकरण दिलचस्प हो गए हैं.