बारामती विधानसभा से सोमवार को नामांकन दाखिल करने के बाद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी प्रमुख अजीत पवार एक रैली को संबोधित करते हुए भावुक हो गए. पवार ने आरोप लगाया कि एनसीपी संरक्षक शरद पवार ने परिवार में फूट डाली और उनके खिलाफ उम्मीदवार खड़ा किया.उन्होंने कहा, "मैंने पहले गलती की थी, लेकिन ऐसा लगता है कि अब दूसरे लोग भी गलतियां कर रहे हैं. मैं और मेरा परिवार पहले बारामती में पर्चा दाखिल करने के लिए सहमत हुए थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. चुनौतियों के बावजूद, हम स्थिति को सुधारने में कामयाब रहे. मेरी मां ने बहुत सहयोग किया है, और उन्होंने यह भी सलाह दी है कि उन्हें अजित पवार के खिलाफ किसी को भी नामांकित नहीं करना चाहिए. हालांकि, मुझे बताया गया कि साहेब (शरद पवार) ने किसी को मेरे खिलाफ नामांकन दाखिल करने का निर्देश दिया था... साहेब ने परिवार में फूट पैदा की. ... मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि राजनीति को इतने निचले स्तर पर नहीं लाया जाना चाहिए, क्योंकि पीढ़ियों को एक होने में समय लगता है और परिवार को तोड़ने में एक पल भी नहीं लगता..." उन्होंने आगे कहा कि बारामती में काफी विकास हुआ है, फिर भी लोगों को इस विषय पर उनसे सवाल करने का अधिकार है.उन्होंने कहा, "कुछ लोग बारामती में हुए विकास कार्यों पर सवाल उठाते हैं, इसका मतलब सड़कें बनाना या स्कूल बनाना नहीं है. मुझे यह समझने की जरूरत है कि विकास क्या है, क्या किया जाना चाहिए ताकि हम इसे विकास कह सकें, ... मैं समझता हूं कि आपको बोलने का अधिकार है ...... लेकिन, आप जो बोलते हैं वह समझ में नहीं आता है..."अजित पवार ने चुनाव जीतने का भरोसा जताया और कहा कि कोई भी योजना बंद नहीं की जाएगी, क्योंकि यह लोगों के हित में है.