अंतर्राष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस प्रत्येक वर्ष 15 अक्टूबर को विश्व स्तर पर मनाया जाता है। यह दिन ग्रामीण परिवारों और समुदायों की स्थिरता सुनिश्चित करने, ग्रामीण आजीविका और समग्र कल्याण में सुधार करने में महिलाओं एवं लड़कियों की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानने के उद्देश्य से मनाया जाता है। भारत में, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, कृषि के क्षेत्र में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी बढ़ाने के लिए 2016 से राष्ट्रीय महिला किसान दिवस के रूप में मनाता है।

यह दिन लैंगिक समानता पर केंद्रित है और ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद करता है। यह ग्रामीण महिलाओं सहित ग्रामीण महिलाओं द्वारा कृषि और ग्रामीण विकास को बढ़ाने, ग्रामीण गरीबी उन्मूलन और खाद्य सुरक्षा में सुधार करने में योगदान और महत्वपूर्ण भूमिका को सम्मानित करता है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यदि इन महिलाओं को समान अवसर प्रदान किए जाएं तो कृषि उत्पादन को 2.5 से 4% तक बढ़ाया जा सकता है।

अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस थीम
अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस 2023 के लिए थीम ‘सबके लिए अच्छा भोजन तैयार करने वाली ग्रामीण महिलाएं’ (Rural Women Cultivating Good For All) रखा गया था। इसका उद्देश्य दुनिया भर की खाद्य प्रणालियों में ग्रामीण महिलाओं और लड़कियों के योगदान को याद करते हुए उन्हें सम्मान देना है। बता दें कि खेतों में फसलों के उत्पादन, प्रसंस्करण, खाद्य पदार्थों को तैयार करने से लेकर सप्लाई चेन के माध्यम से हमारी थालियों तक पहुंचाने में महिलाओं का अमूल्य योगदान है। विषम परिस्थितियों के बाद भी महिलाएं काम को अंजाम देती हैं, लेकिन उन्हें पुरुषों की तुलना में कम भुगतान और सुविधाएं मिलती हैं। कम आय के साथ उन्हें अधिक असुरक्षा का सामना करना पड़ता है।

 इस दिन का इतिहास 
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 18 दिसंबर 2007 को इस दिन को मान्यता दी और 2008 में यह पहली बार मनाया गया। महिलाओं को संसाधनों तक पहुंच, निर्णय लेने में भागीदारी, समान वेतन, उनके खेतों के लिए ऋण और बाजार और भूमि और पशुधन के स्वामित्व में भेदभाव का सामना न करना पड़े इस हेतु जनजागृति के रूप मे इस दिवस को मनाया जाता है। ग्रामीण महिलाओं की सहभागिता के लिऐ सरकारे बहुत सी योजनाएं संचालित कर रही है जिसका लाभ गांवों में देखा जा सकता है।