राज्य में भजनलाल सरकार ने एक दिन पहले प्रदेश के 78 नगरीय निकायों (नगर निगम, नगर परिषद, नगर पालिका) में की गई राजनैतिक नियुक्तियों (पार्षदों के मनोनयन) पर यू-टर्न ले लिया है। स्वायत्त शासन निदेशालय ने कल यानी 13 अक्टूबर को इन निकायों में 550 पार्षद नियुक्त किए थे, जिनके आदेश को आज रद्द कर दिया। हालांकि नियुक्ति किस कारण रद्द की गई, इसके पीछे प्रशासनिक कारण बताया है, लेकिन सियासी हलको में चर्चा है कि बीजेपी के ही कई पदाधिकारी (स्थानीय स्तर के) इन नियुक्ति से संतुष्ट नहीं थे।स्वायत्त शासन निदेशालय के निदेशक कुमार पाल गौतम ने ही 13 अक्टूबर को आदेश जारी करते हुए 78 निकायों में 550 पार्षदों की नियुक्ति की थी। लेकिन रात करीब 1 बजे इन आदेशों को वापस रद्द किया गया। नियुक्तियां देकर कुछ ही घंटों में वापस छीनने का मामला सियासी हलकों में चर्चा शुरू हो गई। कुछ लोग इस निर्णय के पीछे बीजेपी की अंदरूनी सियासत को जिम्मेदार मान रहे है। बताया जा रहा है कि विधानसभा क्षेत्रों में ब्लॉक और जिला अध्यक्ष के अलावा स्थानीय स्तर पर पार्टी के पदाधिकारी इन नियुक्तियों से संतुष्ट नहीं थे। इस असंतोष को देखते हुए सरकार ने फैसला तुरंत वापस ले लिया।