30 हैक्टेयर में फैले नाहरगढ़ जैविक उद्यान में सोमवार को नया अध्याय शुरू हुआ। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने टाइगर सफारी को आमजन के लिए खोल दिया। यहां 7 किलोमीटर ट्रैक में पर्यटक टाइगर देख सकेंगे। इसके साथ ही जयपुर देश का ऐसा पहला शहर बन गया, जहां पर्यटक के लिए चार सफारी हैं। यहां दो लेपर्ड, एक एलिफेंट और एक लॉयन सफारी पहले से है। अब इसमें टाइगर सफारी भी जुड़ गई।खास बात ये है कि राजस्थान की यह पहली टाइगर सफारी है, जिसे जू में शुरू किया गया है। इस सफारी के दौरान पर्यटक दो बाघिन भक्ति, चमेली और बाघ गुलाब को देख पाएंगे। इस दौरान सीएम ने जैविक उद्यान में दो बाघ शावकों का नामकरण भी किया। नर शावक का नाम भीम और मादा शावक का नाम स्कंधी रखा है। नाहरगढ़ वन्य जीव अभयारण्य 5240 हैक्टेयर में फैला है, जिसमें से 720 हैक्टेयर में नाहरगढ़ जैविक उद्यान विकसित है। वन विभाग व जेडीए के संयुक्त प्रयासों से शुुरू हुई टाइगर सफारी पर 453 लाख रुपए खर्च हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सफारी से बाघों के संरक्षण व संवर्धन को बढ़ावा मिलेगा। प्रदेश में 3 नेशनल पार्क, 26 अभयारण्य, 36 कन्जर्वेशन रिजर्व और 4 बायोलॉजिकल पार्क विकसित किए हैं। बाघ संरक्षण के प्रयासों से उनकी आबादी बढ़ रही है। राजस्थान में लगभग 130 बाघ हैं। जेडीए ने जयपुर में दो नए पार्क विकसित किए हैं।जीरोता में नगर वन व नेवटा के पास बायोडायवर्सिटी पार्क। इससे 5 लाख आबादी को लाभ होगा। जैविक उद्यान में रोशनी व वन्यजीवों के लिए पानी व समुचित रखरखाव के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश भी दिए। यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा, वन मंत्री संजय शर्मा, आमेर विधायक प्रशांत शर्मा, महापौर कुसुम यादव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक अरिजीत बनर्जी आिद मौजूद थे।