हाटकेश्वर भवन में खड़के डांडिया, विजयादशमी तक चलेगा आयोजन
बूंदी। बालचंद पाड़ा स्थित हाटकेश्वर भवन में नागर ब्राह्मण द्वारा समाज द्वारा किए जा रहे गरबों में जोश लगातार बढ़ता जा रहा है।परंपरागत गरबों के साथ साथ महिलाएं और युवतियां डांडियां भी खड़काने लगी है। रविवार को गुलाबी रंग की वेशभूषा में सुसज्जित महिलाओं ने जमकर गरबा गायन और नृत्य कला का प्रदर्शन किया।
समाज की वरिष्ठ सदस्य अलका मेहता और पूजा नागर ने बताया कि गरबा के गायन और नृत्य में कुसुम मेहता ,वंदना मेहता, सुषमा नागर, हेमा मेहता, निशा मेहता, आणिमा ठाकोर, रजनी मेहता, ललिता झा, आकाशी झा, शिखा ठाकोर,,कल्पना मेहता, प्रीती मेहता, उषा ठाकोर, मोहिता मेहता ,मीनाक्षी, रश्मि ठाकोर, शोभना मेहता सीमा झा,मधु मेहता, मालिनी मेहता, बिंदु मेहता, स्मृति ठाकोर ने गायन और गरबा नृत्य की आकर्षक प्रस्तुतियां दी।
बूंदी में नागर समाज द्वारा गरबों की परंपरा बहुत पुरानी है, यहां 9 दिन तक स्वयं गाकर और ड्रेस कोड मे परंपरागत रीति रिवाज से गरबे किए जाते हैं। समाज की वरिष्ठ सदस्य कुसुम मेहता ने बताया कि पहले दिन माता जी के निमंत्रण के गरबे गाए जाते हैं और उन्हें विधि विधान से बुलाया जाता है। इसके बाद प्रतिदिन सबसे पहले माताजी के गरबे, फिर कृष्ण जी के गरबे ,खेल के गरबे, राम जी के गरबे, मालन के गरबे क्रमानुसार गए जाते हैं और आरती के साथ कार्यक्रम का समापन होता है।
अलका मेहता ने बताया कि अष्टमी के दिन शुक्रवार को गरबों से जुड़ी विविध प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी, जिनके विजेताओं को समापन समारोह में विजयदशमी के दिन पुरस्कृत किया जाएगा। विजयादशमी के दिन नवल सागर झील में गरबो का विसर्जन किया जायेगा।