पशु कल्याण दिवस मूक पशुओं की भावनाओं के बारे में जागरूकता का उचित माध्यम -डॉ. छोटूलाल बैरवा

गांधी गौशाला में गौवंश को गुड़, रोटी एवं हरा चारा खिलाकर गौसेवा की

टोंक विश्व पशु कल्याण दिवस के अवसर पर शुक्रवार को पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. छोटू लाल बैरवा ने गांधी गौशाला का भ्रमण कर गौवंश को गुड़, रोटी एवं हरा चारा खिलाकर गौशाला के सदस्यों से जानकारी ली। साथ ही, गौशाला में संगोष्ठी का आयोजन कर गौशाला के सदस्यों को विभागीय योजनाओं की जानकारी दी। संयुक्त निदेशक ने गौशाला समिति द्वारा गायों की सेवा के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की। इस दौरान संयुक्त निदेशक ने कहा कि पशु कल्याण दिवस मूक पशुओं की भावनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने का उचित माध्यम है। उन्होंने कहा कि यह दिवस विश्व में प्रत्येक वर्ष 4 अक्टूबर को पशुओं के कल्याण में सुधार करने एवं पशुओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। संयुक्त निदेशक डॉ. बैरवा ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी कहते थे कि किसी राष्ट्र की महानता और उसकी नैतिक प्रगति का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि वह अपने पशुओं के साथ कैसा व्यवहार करता है। उन्होंने कहा कि विश्व पशु कल्याण दिवस एक आंदोलन है जो दुनिया के सभी जानवरों के लिए एक बेहतर जगह बनाने के लिए प्रेरित करता है। यह दिन पशु प्रेमियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हर संभव तरीके से जानवरों के कल्याण में योगदान करने का अवसर देता है। संयुक्त निदेशक डॉ. बैरवा ने बेजूबान पशुओं की प्लास्टिक थैलियों से होने वाली दर्दनाक मृत्यु, दुर्दशा एवं इन पर होने वाले अत्याचार पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हम सभी को इन मूक पशुओं की दर्द और पीड़ा को समझते हुए इनके जीवन के लिए बेहतर कार्य करना होगा।

पशुओं के कल्याण में छोटा सा प्रयास भी बड़ा बदलाव ला सकता है-डॉ. चंद्रशेखर अरोड़ा

इस अवसर पर विभाग के वरिष्ठ पशुचिकित्सक डॉ. चंद्रशेखर अरोड़ा ने कहा कि भारत पशु कल्याण के लिए सबसे अच्छी जगह है। उन्होंने कहा कि पशुओं के प्रति सहिष्णुता, करुणा और दया भारतीय संस्कृति का मूल है। मनुष्य द्वारा किया गया एक छोटा सा प्रयास पशुओं के कल्याण की दिशा में बड़ा बदलाव ला सकता है। डॉ. अरोड़ा ने कह कि पशुओं को भी दर्द होता है और उनकी भी भावनाएं होती हैं। पशु भी मनुष्यों की तरह डर, खुशी और दर्द महसूस करते हैं। हमें इनके साथ दयालु व्यवहार कर समाज में पशुओं के प्रति सहानुभूति को बढ़ावा देना होगा।

पशु भी मनुष्य की भांति सम्मान, प्रेम और देखभाल के पात्र हैं-डॉ. सौभाग सिंह चौधरी

इस दौरान पशु चिकित्सक डॉ. सौभाग सिंह चौधरी ने गांधी गौशाला में उपस्थित सभी चिकित्सकों, पशुधन सहायकों, गौ सेवकों, एवं गौशाला के कामिकों को संबोधित करते हुए कहा कि पशु हमारे पारिस्थितिकी तंत्र का का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और पशु भी मनुष्य की भांति सम्मान, प्रेम और देखभाल के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि पशु हमारे पर्यावरण में संतुलन बनाए रखते हैं। गली के पशु, वन्यजीव, और पालतू पशु सभी का प्रकृति में विशेष योगदान होता है। डॉ. चौधरी ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम की जानकारी भी दी। संगोष्ठी के अंत में डॉ. चौधरी ने सभी चिकित्सकों, पशुधन सहायकों, गौ सेवकों, एवं गौशाला के कार्मिकों को पशुओं के प्रति दयालु रहने, पशु कल्याण के महत्व के बारे में जागरूक करने की शपथ दिलाई।