राजस्थान में सियासी बयानबाजी का माहौल गर्माया हुआ है. बीते दिनों विधायक बालमुकुंद आचार्य शहर के एक ईमित्र पर अचानक निरीक्षण करने पहुंचे वहां मौजूद कार्मिकों को डांट फटकार करते हुए दिखाई दिए और कहा कि फर्जी ईमित्र तैयार करके बांग्लादेशियों को यहां का स्थाई पता देने की साजिश कर रहे हो. जिसके बाद वीडियो वायरल हुआ और पुलिस ने ई-मित्र के सभी दस्तावेजों की जांच की. जांच मे कोई भी फर्जी आधार कार्ड या फर्जी दस्तावेज नहीं पाएं गये जिसके बाद विधायक बालमुकुंद आचार्य बैकफुट पर आ गए. अब पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने विधायक बालमुकुंद आचार्य को लेकर कहा 'ऐसे लोग भी विधानसभा में पहुंच गए भगवान उनको लंबी उम्र दे 5 साल वो रहें, अपनी पद की गरिमा रखनी चाहिए. लाखों लोगों प्रतिनिधि बन के गए हैं, उनको इस तरह की हरकत नहीं करनी चाहिए जो चवन्नी छाप करता है' विधायक का अपना स्टेटस होता है उसको उसे तरह की डिग्निटी मेंटेन करने के लिए उस तरह का व्यवहार करना होगा,डोटासरा ने विधायक बालमुकुंद आचार्य पर तंज कसते हुए कहा 'एक विधायक अगर गनमैन से उसके पैसे से केले मंगा कर खाता है तो उससे डिग्निटी खराब होती है. आपको बता दें मामला तूल इसलिए पकड़ा क्योंकि विधायक बाल मुकुंद आचार्य ने इससे पहले भी मीट की दुकान, नॉन वेज होटलों को लेकर भी इसी तरह सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर वाह-वाही लूटी थी, इसके बाद उन्हें भाजपा नेतृत्व की ओर से फटकार भी लगी थी. लेकिन एक बार फिर बाबा ने ईमित्र सेंटरों पर फर्जी आधार कार्ड बनाने का आरोप लगाया है जो कि पुलिस जांच में गलत पाया गया