राजस्थान सरकार की बेरुख़ी से मज़दूर आत्महत्या करने पर मजबूर हें मगर न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोत्तरी नहीं की जा रही हे और ना ही बढ़ी हुई मजदूरी का नोटिफिकेशन जारी किया जा रहा हे
एच एम एस के प्रदेश सचिव एवं थर्मल ठेकेदार वर्कर्स यूनियन अध्यक्ष आज़ाद शेरवानी ने बताया कि राजस्थान सरकार सत्ता के नशे में मदहोश होकर पीड़ित मज़दूरों को अनदेखा किये हुए हे डबल इन्जन की सरकार में भेदभाव हो रहा हे केन्द्र द्वारा मजदूरी बढ़ा दी गई मगर राजस्थान में मज़दूरों का शोषण किया जा रहा हे फ़िर डबल इंजन से आम जनता को क्या फ़ायदा हुआ राजस्थान सरकार हमारे बार बार माँग पत्र देकर ध्यानाकर्षण करवाने के बावज़ूद कुंभकर्णी नींद से नहीं जाग रही हे
क्या सरकार ठेकाकर्मी मजबूर होकर आत्महत्या कर लेंगे तब अपनी आँखें खोलेगी पिछली सरकार ने न्यूनतम मजदूरी में 26 रुपये की बढ़ोत्तरी की घोषणा की थी इस बढ़ोत्तरी को लोकसभा चुनाव में भुनाने के लिये वर्तमान सरकार ने चुनाव से पूर्व इस नई दर की अपनी स्वीकृति का सभी प्रमुख अख़बारों में मुख्य पृष्ठ पर विज्ञापन छपवाकर प्रचार प्रसार किया जिससे ग़रीब मतदाताओं ने बढ़ी दर पाने की आशा में इस सरकार का समर्थन किया लेकिन आज सरकार की बेरुख़ी से मज़दूर वर्ग अपने को ठगा महसूस कर रहा हे और आक्रोशित हे ।
31 अगस्त 2023 को जारी इंटेंशन आर्डर के अनुसार ये बढ़ोत्तरी 1 जनवरी 2023 से लागू होना था मगर आज दिनाँक तक सरकार द्वारा ना ही इस इंटेंशन आर्डर का नोटिफिकेशन जारी किया गया हे ना ही इस वर्ष की वेतन बढ़ोत्तरी हुई हे
हिन्द मज़दूर सभा की माँग हे कि जिस प्रकार केंद्र सरकार व दिल्ली सरकार ने अपने श्रमिकों की वेतन वृद्दि की हे इसी प्रकार राजस्थान में भी मजदूरी में अतिशीघ्र बढ़ोत्तरी की जाये महँगाई को देखते हुए न्यूनतम मज़दूरी कम से कम 24 हज़ार रुपये की जाये जिससे ये ग़रीब परिवार अपने वेतन से अपना जीवन व्यापन कर सकें