राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार में फोन टैपिंग का मामला सामने आया था. वहीं इस मामले में जांच कर रही क्राइम ब्रांच पर राज्य सरकार द्वारा दर्ज मामले की वजह से रोक लगी थी. लेकिन अब वह रोक हटा ली गई है. जिसके बाद दिल्ली क्राइम ब्रांच ने फोन टैपिंग मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है. इसके तहत पूर्व अशोक गहलोत की सरकार में ओएसडी रहे लोकेश शर्मा को पूछताछ के लिए दिल्ली क्राइम ब्रांच के समक्ष उपस्थित होने का नोटिस जारी किया गया था. इसके बाद बुधवार (25 सितंबर) को लोकेश शर्मा दिल्ली क्राइम ब्रांच के समक्ष पेश हुए और कलमबंद बयान दर्ज करवाया. बताया जा रहा है कि लोकेश शर्मा से क्राइम ब्रांच ने 6 घंटे की पूछताछ की. इस पूछताछ के दौरान लोकेश शर्मा ने सात पेज का बयान दर्ज किया. इसमें उन्होंने फोन टैपिंग की किसी भी बात से इनकार करते हुए कहा कि इसके लिए जिम्मेदार पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं. लोकेश शर्मा ने कहा कि 16 जुलाई 2020 को उन्होंने मुझे जो ऑडियो क्लिप दिए थे वहीं मैंने मीडिया को दिए थे. दिल्ली क्राइम ब्रांच को अशोक गहलोत से पूछताछ करनी चाहिए कि उन्होंने क़ानूनी रूप से या गैर कानूनी रूप से फोन टैप कैसे करवाए. लोकेश शर्मा ने अपने बयानों में दावा किया कि राजस्थान में सियासी संकट के वक़्त अशोक गहलोत ने अपने खेमे और सचिन पायलट कैंप के विधायकों के फ़ोन सर्विलांस पर लिए थे. रोजाना इस बात की जानकारी उनके पास आती थी कि  किस विधायक ने किससे क्या बात की है. इसमें CM के सेक्रेटरी रहे कुलदीप रंका  सहित कई बड़े अधिकारी भी शामिल थे. लोकेश शर्मा ने कहा अब इस मामले में क्राइम ब्रांच को आगे इन्वेस्टिगेशन के लिए अशोक गहलोत से पूछताछ करनी चाहिए. लोकेश शर्मा ने ये भी कहा कि मुझे और मेरे परिवार के किसी भी सदस्य को अगर कुछ होता है तो इसकी ज़िम्मेदारी अशोक गहलोत की होगी. दिल्ली क्राइम ब्रांच को मुझे और मेरे परिवार को सुरक्षा उपलब्ध करानी चाहिए.